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________________ लघुविद्यानुवाद च -- शोभन, हस वाहन, शुक्ल वर्ण, सौ करोड हजार योजन विस्तार वाला, वज्र वैडूर्य मुक्ताभरण भूषित, चार भुजा वाला शुभ चक्र फल, कमल के आयुध वाला, जटा मुकुट धारी, सुस्वर वाला, सुमन प्रिय ब्रह्मा यक्षादि दैवत को प्राप्त । ऐसा 'च' कार का लक्षण है। छ -मगर का वाहन, पद्मासन, महाघण्टा के समान वाला उगते हुये सूर्य के समान प्रभाव वाला, हजार योजन विस्तार वाला, अाकर्पणादि रौद्र कर्म के करने वाला, सुमन के समान सुगन्ध वाला, काले वर्ण का, दिव्य आभरण से सहित, चार भुजा वाला, चक्र, वज्र, शक्ति, गदा के आयुध से सहित, सर्व कार्य की सिद्धि करने वाला, गरुड देवता। ऐसा 'छ' कार का लक्षण है। ज :- शूद्र, पुल्लिग, चार भुजा वाला, परसु, पाश, कमल, वज्र के धारण करने वाला, अमृत का स्वाद वाला, जटा मकटधारी भौतिक वज्राभरण भषित वश्यार्पण शक्ति वाला, सत्यवादी, सुगन्ध प्रिय, सौदल कमल के समान वारुणादिदेव के समान । ऐसा 'ज' कार का लक्षण है। झ -पुरुष, वैश्य, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के समान वश्याकर्षण करने वाला कुबेरादि दैवत, दो भुजाओ वाला, शख, चक्र के आयुध को धारण करने वाला, मौक्तिक वज्राभरण भूषित, सत्यवादो, पीला वर्ण का पद्मासन, सुगन्ध, अमृत स्वादु। ऐसा 'झ' कार का लक्षण है। :-कौवा के वाहन वाला, गन्धवान, काष्ठासन वाला, काला वर्ण वाला, दूत कर्म है, कार्य जिसका, नपसक, सौ योजन विस्तिर्ण, चार भजा वाला, त्रिशूल परसु के प्रायुधो को धारण करने वाला, निष्ठर और गदा को धारण करने वाला महाक र स्वर वाला, सर्व जीवो को भय पैदा करने वाला, शीघ्र गति वाला, व्यभिचार कर्म से सयुक्त, क्षार (खार) स्वाद वाला, शीघ्र गमन के स्वभाव वाला, रौद्र, दृष्टियम् दैवत । ऐसा 'ञ' कार का लक्षण है। ट-वृत्तासन, कबूतर के वाहन वाला, कपिल वर्ण वाला, दो भजा वाला, वज्र, गदा, मन्द गति वाला, लवण के समान स्वाद वाला, शीतल स्वाद वाला, व्याल यज्ञोपवित को धारण करने वाला, चन्द्र दैवत । ऐसा ट' कार का लक्षण है। ठ-चतुरस्रासन गज वाहन वाला, शख के समान दो भजा वाला, वज्र, गदा के आयुध को धारण करने वाला, जम्बूद्वीप प्रमाण, अमत स्वाद वाला, पल्लिग, रक्षा, स्तम्भन, मोहन, काय के सिद्ध करने वाला, सर्वाभरणभूषित, क्षत्रिय दैवत । ऐसा ठ' कार का लक्षण है। ड:-चतुरस्रासन, शख के समान, जम्बू द्वीप प्रमाण, क्षोरामृत स्वाद वाला, पुल्लिग, दो भुजा वाला, वज्र पदम के प्रायूध को धारण करने वाला, रक्षा, स्तम्भन, मोहनकारा, कर्पर गन्ध वाला, सर्वाभरण भूपित है। केला के स्वाद वाला, शुभ स्वर वाला, कुबर द ऐसा 'ड' कार का लक्षण है ।
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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