SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 741
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लघुविद्यानुवाद ___655 नीब के पुराने वृक्ष की जड को दूध मे पीसकर घी मे मिला कर पीने से दीर्घ जीवी पुत्र की प्राप्ति होती है। सहदेवि की जड को पानी मे घिसकर आँख मे अजन करे तो लोग उसको देखते ही उसके __ वश मे हो जाते है। रवि पुष्यामृत मे धतूरे की जड को लाकर रख ले, कार्य पडे तब गर्भवती स्त्री के कमर मे बाध देने से सुख पूर्वक प्रसव होता है। सफेद सोठ की जड को गभिणी स्त्री की योनि में रखने से सुख पूर्वक प्रसव होता है / गर्भिणी स्त्री के हाथ मे चुम्बक पत्थर रख देने से सुख पूर्वक प्रसव होता है / स्त्री के कमर मे बास की जड बाधने से प्रसव सुख से होता है। नीम की जड स्त्री के कमर मे बाघने से प्रसव सुख पूर्वक होता है / उत्तर दिशा मे उत्पन्न ईख की जड़ को स्त्री के नाप के डोरे मे बाध कर कमर मे बाधने से प्रसव सुखपूर्वक होता है। आवला और मुलहठी को गाय के दूध के साथ पीने से गर्भ स्तभन होता है / धतूरे की जड को कमर मे बाधने से गर्भ स्त्राव नही होता है / अकरकरा को सूत मे लपेट कर बच्चे के गले मे बाधने से मृगी रोग शात होता है। दूध पिलाने वाली मा अथवा धाय के कपडे मे से एक टुकडा फाड कर, पानी मे भिगोत्रे, फिर बच्चे के माथे पर रख देने से हिचकी रोग शान्त हो जायेगा। कपूर की डलियो की माला बनाकर बच्चे को पहनाने से सुखपूर्वक दात पायेगे। बच्चे के हाथ मे लोहे अथवा ताबे का कडा पहनाने से दात सुखपूर्वक आयेगे और बच्चे को दृष्टि दोष नही होगा। काली सरसो और काली मिर्च को पीसकर अजन करने से भूत वाधा नष्ट होती है। अश्विनी नक्षत्र मे घोडे के खुर का नख लेकर रखले, उस नख को अग्नि मे डाल कर धूनी देने से भूत प्रेत आदिक भाग जाते है / अनार का बाधा ज्येष्ठा नक्षत्र मे लाकर घर के दरवाजे पर वाध देने से बालको के दुष्ट ग्रहो का निवारण हो जाता है।
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy