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मन्त्र जाप करने की विधि का कोष्टक
शान्ति कर्म
पौष्टिक कर्म पौष्टिक कर्म | वश्य कर्म
आकर्पण कर्म
स्तम्भन कर्म
मारण कर्म
नैऋत्य दिशा कुवेर दिशा
दक्षिण यम दिशा पूर्वाभिमुख
ईशानदिक
पश्चिम वरुण दिशा अर्द्ध रात्रि
प्रभात काल
पूर्वान्ह काल | पूर्वान्ह काल
पूर्वान्ह काल
सध्याकाल
ज्ञान मुद्रा
ज्ञान मुद्रा
| सरोज मुद्रा
| अकुश मुद्रा
शख मुद्रा
वज्र मुद्रा
५ पर्यङ्काशन
पकजासन
स्वस्तिकासन
दण्डासन
वज्रासन
मद्रासन
| स्वाहा पल्लव स्वधापल्लव
वपट् पल्लव
वौपट पल्लव
ठठ पल्लव
घे घे पल्लव
श्वेत वस्त्र
श्वेत वस्त्र
अरूण पुष्प
उदयार्क वस्त्र
पीत वस्त्र
कृष्ण वस्त्र
८ श्वेत पुष्प
श्वेत पुष्प
रक्त वर्ण
अरूण पुष्प
पीत पुष्प
कृष्ण पुष्प
8 श्वेत वर्ण
श्वेत वर्ण
रक्त वस्त्र
उदयार्क वर्ण
पीत वणं
कृष्ण वर्ण
पूरक योग
पूरक योग
कुम्भक योग
पूरक योग दोपन यादि नाम
पूरक योग दीपन आदि
रेचक योग रोवन आदि मध्य
विदर्भाक्षर मध्य
नाम
सम्पुट आदि मध्यनाम
गथन वरूणा तरित नाम
नाम
नाम
१२ | स्फटिक मणि | मुक्ता मणि । प्रवाल मणि | प्रवाल मणि
स्वर्ण मणि
पुत्र जीवा मणि
१२ | मध्यमागली
| मध्यमागुली
अनामिका
कनिष्टका
कनिष्टका
तर्जन्यगुली
१४ | दक्षिण हस्त | दक्षिण हस्त
वाम हस्त
वाम हस्त
दक्षिरण हस्त
दक्षिण हस्त
१५ वाम वायु
| वाम वायु
वाम वायु
वाम वायु
दक्षिण वायु
दक्षिण वायु
शरद ऋतु हैमन्त ऋतु वसन्त ऋतु वसन्त ऋतु
वसन्त ऋतु
शिशिर ऋतु १७ जल मण्डल जल मण्डल मध्य
जल मण्डल | अग्नि मण्डल पृथ्वी मण्डल
वायु मण्डल १८ - अद्ध रात्रि | प्रभात काल | पूर्वान्ह काल | पूर्वान्ह काल प्रभात काल
पूर्वान्ह काल
सध्या काल नोट -प्रत्येक दिन मे २॥ घडी घडी क्रमशः छहो ऋतु समझना।
जहाँ स्वाहा लिखा हो वहाँ धूप के साथ जपे यानि धूप आगे रखे।
॥१॥