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________________ लघुविद्यानुवाद शस्त्रो से दुष्टजनो का सहार करने वाली सुन्दर भुजानो से शोभित हे पद्मावती देवी मेरी रक्षा करो ।।१६।। यन्त्र नं० १६ || राजन्नीर गर्भ निर्गततडित्ज्वाला सहल्ला स्फुरित्।। सामापासु प्रसन्नवदला पद्मावलीदेवता सहत्रांकुशपासपंकजकरामत्स्यामरैरचिताः॥ (12/BR Plutelle health. Lighl= पुत्र प्राप्ति दायक यन्त्र काव्य नं. १६ यन्त्र रचना - पचविशति दल कमल कृत्वा, कम्यं मध्ये स्थाप्य, वीज दल मध्ये मन्त्राक्षर । ॐ नमो धरणेद्र पद्मावती सहिताय ह्री श्री वा बीक्षा क्षी प्रो ह्री नम लिखेत् । तदुपरि षोडश ॐ कारेन वेष्टयेत पश्चात ऊपरी काव्य वेष्टयेत वेष्टन कृत्ग। अष्ट द्रव्ये न, पूजन कुरू, यन्त्र, मन्त्र प्रभावात् कु बुद्धि नाश भवति तथा परकृत मारण मोहन, उच्चाटन, विद्वेषनादिक कर्म नष्ट भवति दुष्टाना नाश भवति ।
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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