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________________ लघुविद्यानुवाद ४७३ श्लोक नं० ६ विधि नं० १ यन्त्र नं० २ / - \ - me Sen TERATE विषहर भूतादि पीड़ा शामक यंत्र काव्य नं. ६ वहत यन्त्र रचना विधि -- एकोण विशति दलै कमल कृत्वा, तन्मध्ये प्लौ वीज लिखेत दले अष्टादशाक्षरे मन्त्र लिखेत । ॐ नमो पद्मावती सर्व कामना सिद्धि ह्रा ही नम लिखत तदुपरी ह्रा ह्री हो ह्र हर हर हु आ को नम , एतन अक्षराणा यन्त्र वप्टयेत् प्रष्ट द्रव्येन पूजन कृत्वा मन्त्र जाप्य कुर्यात । --पष्टम काव्यस्य प्लौ बीज अष्टादशक्षर मन्त्र. अनेन मन्त्र काव्य यन्त्र प्रभावेन विद्यासिद्धोर्भवनि, सर्प विष, शत्र भय नाशन भवति, अनेन मन्त्रेन पूर्वाभिमुख कृत्वा तथा रक्त माला, रक्तासन अष्टोत्तर सत् जाप्य कुर्यात्विद्यासिद्धिर्भवति ।
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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