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लघुविद्यानुवाद
अभिचार कार्म मन्त्र --ॐ ह्रा ह्री ह. ह्रीं ह्रः असि पाउसा ग्रस्या एतनाम धेयस्य तीव्र ज्वर कुरु २ च घे।
इस महायन्त्र को जहर से अथवा किसी मादक द्रव्य से मिश्रित काले रंग से यन्त्र लिखे, दोपहर के बाद, ईशान दिशा मे मुख करके, काले वस्त्र, भद्रासन से बैठे, वज्र मुद्रा बनावे, खदिरमणि की जपमाला से मन्त्र का, जप १०८ बार करे तो ज्वर चढे शिगे रोग हो । आदि ।
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