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१६
६
८
is
ॐ१
२म
यन्त्र न २०६
द ७
१०
१८
ये यन्त्र घोय पिलावे, कष्ठी छूटे ||२०६ ॥
यन्त्र नं. २०८
न ४
त ८
ल ८
१२
ह्रीं
लघुविद्यानुवाद
१४
४
न ४
र६
ज ३
यः
यन्न न २०६
ॐ
स
यन्त्र न. २०७
न
घः
सी:
प्राधा शीशी जाय || २०८ ||
हीं
हीं
देवदत्त
हृीं
इद यन्न कुम कुमादिभि लिन्यते कठेभियशिरोति रोगनिरि
२प्र
घ.
पीपल के पत्ते पर लिखे, सिर पर वार्ध,
सिर दर्द जाय || २०७ ॥
द
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