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________________ २८८ लघुविद्यानुवाद पुत्र की इच्छा वाले पति-पत्नी पास मे रखे तो आशा फलेगी। शुभ कामना के लिये अष्ट गध से लिखना और बेरी, पुत्र पराजय के हेतु यक्ष कर्दम से लिखना चाहिये। कलम चमेली की लेना और यन्त्र मादलिया मे रख पास मे रखना अथवा कागज मे लपेट कर जेब मे रखना। धर्म के प्रताप से आशा फलेगी। दान पुण्य करना धर्म निष्ठा रखना ॥४॥ सात सौ चौबीस यंत्र ॥४४॥ इस यन्त्र को एक सौ इक्यासिया यन्त्र भी कहते है। इस यन्त्र को वशीकरण यन्त्र को यत्र न० ४४ १८१ । १८१ । १८१ १८१ १८१ १८१ १८१ १८१ १८१ १८१ १८१ १८१ । १८१ १८१ । १८१ चॉदी के पतडे पर तैय्यार करा कर प्रतिष्ठा कराकर पूजा कराने से भी लाभ होता है जिसको जैसा योग्य मालूम हो करा लेवे । धर्म पर श्रद्धा रखे । इष्ट देव का स्मरण किया करे ॥४४॥ लक्षिया यंत्र ॥४५।। इस यन्त्र को सोना गेरू से लिख कर अपने पास रखने से अग्निभय से बचाव होता है। जिन लोगो को मातेहाती मे काम करना पडता है और ऊपरी अधिकारी बार २ नाराज होते है । तो इस यन्त्र को गध से लिखकर अपने पास रखे तो अधिकारी की कृपा रहती है अक्सर कई जगह पति-पत्नि के आपस मे वैमनस्य हो जाया करता है। बहमी भी अल्प समय मे हो तो दुखदायी नही होता। परन्तु बार २ क्लेश होता हो तो इस यन्त्र को कु कु म से लिख कर पुरुष पास मे रखे तो पत्नि के साथ प्रेम बढता है। अक्सर ऐसे यन्त्र दीवाली के दिन मध्य
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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