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लघुविद्यानुवाद
मन्त्र :- ॐ वाचस्पतये नमः ।
विधि : - इस मन्त्र का जाप १ वर्ष तक करे तो बुद्धि बहुत बढेगी।
मन्त्र :- ॐ नमो भगवते श्री पार्श्वनाथाय ह्रीं धरणेन्द्र पद्मावती सहिताय श्रट्ट मुट्ठ क्षुद्र विघट्ट क्षुद्रान् स्थम्भय स्थम्भय दुष्टान् चूरय चूरय मनोवांछितं पूरय पूरय स्वाहाः ।
विधि - दीवाली के दिन १००० जाप करे, पीछे एक माला नित्य फरे तो मनोवाछित कार्य हो ।
मन्त्र :- ॐ नमो ज्वाला मालिनी देवी शभंवति रक्त रोहिणी ॐ क्षां क्षीं यू ह्रां ह्रीं रक्तू वाशसी प्रथ व दुहिते श्रघेरे कर्म कारके प्रमुकस्य मनः दह दह उपविष्टाय मुखं दह दह सुप्ताय मनः दह दह पर बुद्धाय हृदयं दह दह पच पच मथ मथ प्रथ तावद हन्यात् ॐ हुम्ल्यू ह्रौं ह्र फट् स्वाहाः ।
विधि :- इस मन्त्र का १०८ बार जाप नित्य करे तो सर्व कार्य की सिद्धि होती है । मन्त्र :- ॐ रक्त े रक्तावते हुं फट् स्वाहा ।
विधि - कुमारिका सूत्रेण कटक कुत्वा करणवीर पुष्प १०८ जाप्य दत्त्वा कटौ बघये द्रक्त प्रवाह नाशयति ।
मन्त्र :- ॐ अंगे कुमंगे मंगे फु स्वाहा. ।
विधि :- १००८ बार जाप पूर्व १०८ गुणिते स्वप्ने शुभाशुभ कथ ।
मन्त्र — ॐ अंगे कुमंगे फु स्वाहाः ।
विधि : - फल व जल अभिमत्र्य पिवेत शूल नाशयति ।
मन्त्र — ॐ नमः क्षिप्त गामिनी कुरु कुरु विमले स्वाहा ।
विधि - ने नाम्बु सप्ताभिमन्त्रित कृत्वा नस्य नाम्नि पिवेत् स वश्यो भवति ।
मन्त्र :- ॐ ह्रीं क्रीं ह्री ह्र ं फट् स्वाहाः ।
विधि :- पुगी फलादि यस्य दीयते स वश्यो भवति ।
मन्त्र :- ॐ ऐं ह्री सर्वभय विद्रावरिण भयायै नमः ।
विधि - एन ध्यायन् पथान व्रजेत् भय न भवति । मन्त्र :- ॐ कृष्ण गन्ध विलेप नाय स्वाहा ।