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________________ १४८ लघुविद्यानुवाद विधि :-इस मन्त्र का १०८ बार जप करने से आकर्षण होता है। मन्त्र :-ॐ नमो भगवति महा विद्य चक्रेश्वरी एहि २ शीघ्र द्रां भ्र गन्ह २ ॐ ह्रीं सहस्त्र वदने कुमारि शिखंड वाहने श्रु क्ले शुक्ल गात्रे ह्रीं सत्य वादिनि नमः। विधि -हाथ के चुलू मे पानी ७ बार मन्त्रित करके नित्य ७ बार पीवे तो, ज्ञान की वृद्धि होती है। मन्त्र :-ॐ नमो देवाधि देवाय नमः सिंह व्याघ्र. रक्ष वाहने कटि चक्र कृत मेखले चंद्राधिः पतये गगवति घंटाधिपतये टणं टणं शब्दाधिपतये स्वाहा। विधि :-घण्टा को २१ बार इस मन्त्र से मन्त्रित कर बाधने से रोग मिटता है। (यहा घण्टा से मतलब छोटे घुघरू लेना ।) मन्त्र :-ॐ नमो भगवति महा मोहिनी जंभनी स्तंभनी वशी करणी पुर क्षोभिरणी " सर्व शत्रु विद्रावरणी ॐ प्रां कों हां ह्रीं प्रों जोहि २ मोहि मोहि क्षुभ २ क्षोभय २ अमुकं वशो कुरु २ स्वाहा ।, विधि -इस मन्त्र का रात्रि को सोते समय ३०८ बार नग्न होकर जपने से महा वशीकरण ___ होता है। मन्त्र -ॐ अरे अरूणु मोहय २ देवदत्तं मम वश्यं कुरु २ स्वाहा । विधि :-इस मन्त्र को कृष्ण पक्ष की चौदस को पाटे पर लिखकर लाल कनेर के फूलो से जप करे १०८ बार तो उत्तम वशीकरण होता है। देवदत्त मन्त्र मे आया है। उस जगह पर जिसको वश करना चाहे उसका नाम ले। मन्त्र :-ॐ नमो भगवति अप्रति चक्र जगत्सं मोहिनी जगन्मादिनी नयन मनोहरी हे हे, पानंद परमानंदे परम निर्वाण कारिणी कली कल्यारण देवी ह्री अप्रति चक्र फट विचक्राय स्वाहा । विधि .-इस मन्त्र का सतत् जप करने स सौभाग्य की वृद्धि, सर्वजनप्रियता और उत्तम प्रकार से वशीकरण होता है। मन्त्र :-ॐ नमो भगवति अप्रति चक्रे रत्नत्रय तेजो ज्वलित सु वदने कमले विमले अवतर देवि अवतर विवुध्य ॐ सत्यं मादर्शय स्वाहा।
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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