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लघुविद्यानुवाद
वाद-जीतन मन्त्र ॐ ह्रसः ॐ अर्ह ऐ श्री अ-सि-आ उ सा नमः । विधि -पहले यह मन्त्र पढकर एक लक्ष तथा सवा लक्ष जप सिद्ध कर लेवे, फिर जहाँ वाद-विवाद
मे जाना हो वहाँ यह मन्त्र इक्कीस बार पढकर जावे तो वाद-विवाद मे आप जीते, जय पावे।
विद्या-प्राप्ति, वाद-जीतन मन्त्र ॐ ह्री अ-सि-पा-उ-सा नमो अहं वद वद वाग् वादिनी सत्य वादिनि वद वद मम वक्त्रे व्यक्त वाचयाही सत्यं-ब्रू हि सत्यं ब्रूहि सत्यं वद सत्यं वद अस्खलित प्रचारं सदैव मनुजा सुरसदसि ही अर्ह अ-सि-प्रा-उ-सा नमः । विधि - यह मन्त्र एक लक्ष बार जपे तो सर्व विद्या प्रावे, और जहाँ वाद-विवाद करना पड जावे. तो वहाँ बाद के झगडे मे बोल ऊपर होय जीत जावे।
परदेश लाभ मन्त्र ॐ रणमो अरहंतारणं, ॐ रणमो भगवइए चन्दायईएसतट्ठाए गिरे मोर मोर
हुलु हुलु चलु चुलु मयूर वाहिनिए स्वाहा । विधि :-जब किसी परदेश मे रोजगार के वास्ते धन प्राप्ति के लिए जावे तो पहले श्री पार्श्वनाथ
भगवान की प्रतिमा के सामने यह मन्त्र दस हजार जपे। फिर श्रेष्ठ मुहूर्त मे गमन करे। जिस दिन, जिस समय गमन करने लगे, इस मन्त्र को १०८ बार जपे। जब उस नगर मे पहँचे तो यह मन्त्र १०८ वार जपे। जिस नगर मे जावे, रोजगार करे लाभ हो।
महान् धन मिले। नोट -जिस नगर मे रोजगार के लिए जावे, वहाँ मगलवार के दिन प्रवेश न करे। मगलवार
के दिन प्रवेश करे तो हानि हो। घर की पूजी खोकर, कर्जदार हो, दिवाला निकाले. काम बन्द हो।
शुभाशुभ कहन मन्त्र, बाग्बल मन्त्र ॐ ह्रीं अर्ह क्ष्वीं स्वाहा । विधि -किसी मुकदमे मे या फिर किसी फिकर मे या अन्देशे मे या बीमारी मे. रात में मारे
मस्तक पर चन्दन लगाकर, चन्दन सूख जाने के बाद १०८ बार यह मन्त्र पढकर सो जावे। जैसा कुछ होनहार होगा, स्वप्न द्वारा मालूम होगा। वहस्पतिवार से ११००० जप करे।