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________________ ४२ (४) णमो सिद्धारण (७) नमो अभ्य (१) अरहत सिद्ध (४) ॐ गमो अर्हते ७ ) ॐ नम सिद्ध भ्य (१) रामो अरहतारण (३) गमो प्रायरियाण (५) नमो उपाध्यायेभ्य (७) ॐ श्री जिनाय नम लघु विद्यानुवाद (५) नमो सिद्ध भ्य (८) ॐ प्राचार्येभ्य षडक्षरी (२) नमो अरहते (५) ॐ नमो अर्हद्भ्य (८) अरहत सिद्धा सप्ताक्षरो ( १ ) ॐ गमो अरहतारगं (३) ॐ नमो उपाध्यायेभ्य. श्रष्टाक्षरी नवाक्षरी (१) रामो लोए सव्व साहूण (३) ग्रह सिद्ध साधुभ्यो नम (१) ॐ णमो लोए सव्वसाहूण (१) ॐ ह्रा ह्री ह्र हो ह्र असिग्राउसा (२) ॐ श्री अरहत सिद्ध ेभ्यो नम (६) नमो प्रर्हते (२) ॐ ह्री श्री अर्ह नम (४) णमो उवज्झायाण (६) नम सर्व सिद्धेभ्य दशाक्षरी एकादशाक्षरी (३) ॐ ह्रा ह्री ह्र हौ ह ६) ह्री ॐ ॐ ह्री हस (२) ॐ गमो ग्राइरियाण ( ४ ) ॐ गमो उवज्झायाण (२) अरहत सिद्ध ेभ्यो नम. द्वादशाक्षरी (१) हा ह्री ह्र ह्रौं ह्र ग्रसि ग्राउसा नम (२) हा ही हृ हो ह्र असि आउसा स्वाहा (३) ॐ अर्ह सिद्ध सभागी केवलि स्वाहा त्रयोदशाक्षरी (१) ॐ ह्रा ही ह्र ह्रीं ह्र असिग्रा उसा नमः ( २ ) ॐ रहत सिद्ध भ्यो नम
SR No.090264
Book TitleLaghu Vidyanuwada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLallulal Jain Godha
PublisherKunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages693
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size28 MB
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