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________________ ६६ 1 क्षपणासार [ गाथा ७३ अन्यस्थितिबन्ध प्रारम्भ होता है। प्रत्येक स्थितिवन्धमें अन्तमुहर्तस्थितिका अपसरण होता है अतः अबेदके प्रथमसमय में अन्य स्थितिबन्ध अन्तर्मुहूर्त कम १६ वर्षका होता है' | तीनपातियाकर्मों का स्थिति वन्ध व सत्व संपातहजारवर्ष है। तोन अघातियाकर्मोंका स्थितिबन्ध संख्यातहजारवर्ष और सत्व असंख्यातवर्ष है। 'रससंतं आगहिदं खंडेण समं तु माणगे कोहे । मायाए लोभेवि य अहियकमा होंति बंधेवि ॥७३॥४६४॥ अर्थ:--अश्वकर्णकरणको प्रारम्भ करनेवालेने अनुभागखण्डके द्वारा अनुभागको घातकरने के लिए जिस अनुभागसत्वको ग्रहण किया है वह अनुभागसत्त्व मान, क्रोध, माया और लोभमें विशेष अधिक क्रमसे हैं । अनुभागबन्धभो इसी क्रमसे होता है । विशेषार्थः-अश्वकर्णकरणको प्रारम्भ करनेवालेने जिस अनुभागसत्त्वमें से अनुभागखण्डनको ग्रहण किया है. समकाल में (वेदीके प्रथमसमय में) उस अनुभागसत्त्वका यह अल्प बहुत्व है --अनुभागसत्त्व मानमें स्तोक, क्रोधमें विशेष अधिक, माया में विशेषअधिक और लोभ में विशेष अधिक है अर्थात् अनिवृत्तिकरण नामक गुणस्थानके अवेदभागके प्रयमसमय में जब अश्वकर्णकरणका प्रारम्भ होता है और अनुभागको घातकरनेके लिए अनुभागकाण्डकको (आगहिदं) ग्रहण करता है उसके साथ रहने वाला अनुभागसत्व इसप्रकार है--मानमै अनुभागसत्त्व स्तोक, उससे क्रोधका अनुभागसत्त्व विशेषाधिक, उससे मायाका अनुभागसत्व विशेष अधिक और उससे लोभका अनुभाग १. "चरिमसमयसवेदस्स ठिदि बंधो मजलाणं संपुष्णसोलसवस्स मेत्तो तम्मि चेव पज्जवसिदो । तदो दिदिबंधे समत्ते पढमसमय अबेदो अण्णं ट्टिदियधमाइबेइमाणो संजलाणाणं पुविल्लदिदिबंधादो अंतोमूहतूणं दिदिबंधमाढवेइ एत्तोपाए संजलणाणं डिदिबंधोऽपसरणस्स अंतोमुत्तपमारणत्तादो।" (जयघवल पु. १३ पृ. २८६-६०) २. क. पा. सुत्त पृष्ठ ७८८ सूत्र ४७६-४८० । ध० पु० ६ पृष्ठ ३६५ । जयधवल मूल पृष्ठ २०२३ । ३. "अणुभागसंतकम्म सह आगाइदेण माणे थोवं ।।४७६।। क. पा. सुत्त पृष्ठ ७८८॥" "अणुभागसंत. कम्मं आगइदेण सह माणे थोवं, कोहे विसेसाहियं, मायाए बिसेसा हियं, लोभे विसेसाहिय" (धवल पु० ६ पृष्ठ ३६५) ४, घवल पु० ६ पृष्ठ ३६५ टि० नं० २ । जयघवल मूल पृष्ठ २०२३ ।
SR No.090261
Book TitleLabdhisar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages644
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Karma, Philosophy, & Religion
File Size16 MB
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