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________________ १४८ ] लब्धिसार 7 [ गाथा १७६ वाले के तत्प्रायोग्य विशुद्धि के सम्बन्धविना करण परिणामोंका होना असम्भव है | तीव्र विराधना के कारणभूत बाह्यपदार्थोंका सम्पर्क हुए बिना तत्प्रायोग्य संक्लेश परिणामोंसे युक्त अन्तरङ्ग कारण के द्वारा जीवादि पदार्थों को दूषित न कर अधस्तन गुणस्थान में जाकर फिर भी बाह्यकारण निरपेक्ष तत्प्रायोग्य विशुद्धि के साथ मन्द संवेगरूप परिणामोंके द्वारा देशसंयम को ग्रहण करनेवाले के अनुभागकाण्डक घात, स्थितिकाण्डकघात व कररण नहीं होते । यदि कोई जीव क्लेशकी बहुलता से संयतासंयत से मिथ्यात्वरूपी पातालमें गिरकर फिर भी अन्तर्मुहूर्त काल से या 'वेदक प्रायोग्यभाव नष्ट नहीं हुआ है' ऐसे विप्रकृष्टकालसे विशुद्धिको पूरकर संयमासंयम को प्राप्त होता है तो उसके दो करण होते हैं, अन्यथा बढ़ाई गई स्थिति और अनुभागका घात नहीं बन सकता' । आगेको गाथामें अथाप्रवृत्तसंयत के गुरणश्रेणि द्रव्यकी प्ररूपणा करते हैंदेसो समये समये सुज्झतो संकिलिस्समाणो य । safeाणिदव्वादवट्ठिदं कुदि गुणसेडिं ॥ १७६ ॥ प्रर्थ - अधःप्रवृत्त देश संयत के सर्वकाल में विशुद्धि या संक्लेशको प्राप्त होने पर भी प्रति समय यथा सम्भव चतुःस्थानपतित वृद्धि-हानि को लिये गुणश्रेणि विधान होता है । विशेषार्थ - जबतक देशसंयत रहता है तबतक प्रतिसमय असंख्यात समयप्रबद्धों का अपकर्षणकर गुणश्रेणि निर्जरा करता क्योंकि जबतक संयमासंयम गुण नष्ट नहीं होता तबतक संयमासंयम निमित्तक गुरुश्रेणि निर्जराकी प्रवृत्ति में कोई बाधा नहीं है । इसलिये संयतासंयत गुणश्रेणि निर्जराका जघन्यकाल अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्टकाल कुछ कम एक पूर्वकोटिप्रमाण है, किन्तु विशुद्धिको प्राप्त होता हुआ उक्त जीव प्रतिसमय असंख्यातगुणे संख्यातगुणे, संख्यातभागअधिक या असंख्यातभाग अधिक प्रदेशपुञ्जका गुणश्रेणिमें निक्षेप करता है तथा संक्लेशको प्राप्त हुआ उक्त जीव इसीप्रकार श्रसंख्यातगुणे हीन, संख्यातगुणे हीन, संख्यात भाग होन या असंख्यात भागहीन प्रदेशपुंज १. ज. ध. पु. १३ पृ. १२४, १२५, १२२, १३१ व १३२ । २. व. पु. ८ पृ. ८३, ज. ध. पु. १३ पृ. १२६, गो. जी. गा. ४७६, ध. पु. १ पू. ३७३, प्रा. पं. सं. प्र. १ गा. १३. । r
SR No.090261
Book TitleLabdhisar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages644
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Karma, Philosophy, & Religion
File Size16 MB
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