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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुनि और श्रावकों की नित्य-नैमित्तिक क्रियाओं से संबन्धित एक ग्रन्थ प्रकाशित करने का भार आचार्यसंघ की ओर से हमें सोंपा गया था। जिसे आज दो ढाई वर्ष से भी ऊपर हो गया है । इस बीच में आचार्यसंघ की ओर से इसे शीघ्र प्रकाशित किये जाने का तकाजा भी कई वार आया । तदनुसार शीघ्रता करते हुए भी अनिवार्य कारणों से उसे शोघ्र प्रकाशित करने में हम समर्थ नहीं हो सके । इसमें खास एक कारण एक ही प्रेस में एक साथ दो दो बड़े बड़े संग्रहों का प्रकाशित होना भी है ।क्योंकि भूमिका युक्त करीब ६० फार्म का जो 'अभिषेकपाठ-संग्रह' श्री बनजीलालजी-दि० जैन-ग्रन्थमाला की ओर से प्रकाशित हुआ है उसके संपादन, संशोधन, प्रकाशन, संकलन आदि का भार भी हम पर ही था। इस प्रकृत संग्रह में मुनि और श्रावकों की नित्य-नैमित्तिक क्रियाओं का संग्रह है इसलिए इसका नाम 'क्रिया-कलाप' रक्खा गया है । इसमें संस्कृतटीकाओं से युक्त स्वयंभूस्तोत्र, जिनसेनप्रणीत पिन सहस्रनाम स्तुति और आशाधरकृत जिनसहस्रनामस्तुति तथा और अनेकों ही मूल व टीकायुक्त स्तोत्रों का संग्रह भी प्रकाशित करने का विचार था जिनमें से कितनों ही की प्रेसकापियां भी हमारे पास तैयार हैं किन्तु मुद्राओं के अभाव के कारण उन सबको प्रकाशित करने में असमर्थ हुए हैं । यदि सब इच्छित विषय प्रकाशित हो जाते तो यह ग्रंथ तिगुने से भी ऊपर हो जाता। इसके प्रकाशित होने में जो सहायता प्राप्त हुई है उसका सारा श्रेय पूज्य १०८ मुनिभीसुधर्मसागरजी महा. राज को है। उनकी इच्छानुसार ही यह संग्रह प्रकाशित हुआ है। For Private And Personal Use Only
SR No.090257
Book TitleKriya Kalap
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Shastri
PublisherPannalal Shastri
Publication Year1993
Total Pages358
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Religion, & Ritual
File Size15 MB
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