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मुझे यह भी लिखते हुये प्रसन्नता है कि प्रकादमी को साहित्यिक संस्था के रूप में सर्वथा मान्यता मिल रही है । मभी गत वर्ष दिसम्बर ५९ में श्री माहारजी सिद्ध क्षेत्र पर प्रायोजित मा भा० दि. जैन विद्वत् परिषद ने एक प्रस्ताव द्वारा श्री महावीर ग्रन्थ अकादमी के कार्यों की भूरि २ प्रशसा की है तथा समाज से प्रकादमी के लिए पूर्ण सहयोग देने की अपील की है। ऐसे उपयोगी प्रस्ताव पारित करने के लिए हम विद्वत परिषद के अध्यक्ष एवं मंत्री दोनों के पूरणं प्राभारी हैं।
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अन्त में मैं समाज के सभी महानुभावों से प्रार्थना करता हूं कि वे मकाधमी के अधिक से अधिक संख्या में सदस्य बनकर जन साहित्य के प्रकाशन में अपना पूर्ण योगदान देने का कष्ट करें।
रमेशचन्द अन
७-ए, राजपुर रोड
देहली-५४