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________________ ( iv ) त्रिभुवनकीर्ति ब्र. जिनवास, मुलाखीचन्द्र, बुलाकीदास एवं हेमराज की रचनाओं के प्रमुख पाठों को प्रकाशित किया गया है। जिससे विद्वान गरण उनकी काव्यगत महानता की जानकारी प्राप्त कर सकें और चाहें तो उनकी रचनाओं का भो अध्ययन कर सकें । अकादमी द्वारा २० भाग प्रकाशित होने के पश्चात् हिन्दी जगत् में है जैन कवियों के प्रति जो उपेक्षा एवं हीन भावना व्याप्त हैं वे पूर्ण रूप से दूर होगी और उन्हें साहित्यिक जगत् में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त होगा और उनका साहित्य साधारण पाठकों को स्वाध्याय के लिये उपलब्ध हो सकेगा ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है । सहयोग अकादमी को समाज का जितना सहयोग अपेक्षित है यद्यपि उतना सहयोग अभी तक नहीं मिल सका है फिर भी योजना के क्रियान्वय के ये विशेष कठिनाई नहीं हो रही है लेकिन हमें भविष्य में भी अधिक होगा किसके प्रकाशन कार्य में और भी अधिक तेजी लावी जासके । मैं उन सभी महानुभावों का जिनका हमें परम संरक्षक, संरक्षक, प्रध्यक्ष, कार्याध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सम्माननीय सदस्य एवं विशिष्ट सदस्य के रूप में सहयोग मिला है हम उनके पूर्ण आभारी हैं । अकादमी के परम संरक्षक स्वास्ति श्री पंडिताचार्य भट्टारक चारुकीति जी महाराज मूडबिद्री स्वयं विद्वान है, हजारों ताम्रपश्रीय ग्रंथों के व्यवस्थापक हैं। साहित्य प्रकाशन की महत्ता से वे स्वयं परिचित हैं। हम उनके सहयोग के लिये आभारी हैं । नये सदस्यों का स्वागत पञ्चम भाग के पश्चात् डा. (श्रीमती) सरयू दोशी बम्बई एवं श्रीमान् पालाल जी सेठी डीमापुरते अकादमी का संरक्षक बनना स्वीकार किया है । डा. श्रीमती दोशी जैन चित्र कला की ख्याति प्राप्त विदुषी है। मार्ग जैसी कला प्रधान पत्रिका की सम्पादिका है । सारे देश के जैन भण्डारों में उपलब्ध चित्रित पांडुलिपियों का गहरा अध्ययन किया है। Homage to Shravan b lgla जैसी पुस्तक की लेखिका है । इसी तरह माननीय श्री पन्नालाल जो सेठी डीमापुर समाज के सम्माननीय सदस्य हैं। उदार हृदय एवं सेवा भावी सज्जन हैं। साधु भक्ति में जीवन समर्पित किये हुए है तथा प्रतिवर्ष हजारों साधर्मी बन्नों को जिमा कर मानन्द का अनुभव करते हैं । हम दोनों ही महानुभावों का हार्दिक स्वागत करते हैं । इसी तरह निदेशक मंडल में श्रीमान् माननीय डालचन्द जो मा. सागर एवं श्रीमान् रतन चन्द जी मा. पंसारी जयपुर ने उपाध्यक्ष के रूप में अकादमी को
SR No.090254
Book TitleKavivar Bulakhichand Bulakidas Evan Hemraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1983
Total Pages287
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & History
File Size4 MB
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