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________________ कविवर बुधजन : व्यक्तित्व एवं कृतित्व अर्थ - ( वह जैन गृहस्थ ) तृष्णा भाव को कम करके परिग्रह का परिमारा करता है । इस प्रकार पांच अणुव्रतों का पालन करता है । दसों दिशाओं में जानेभाने का जीवन पर्यन्त के लिये त्याग कर एक कदम भी उस सीमा से बाहर नहीं बढ़ाता प्रतः वह दिव्रत का पालन करता है ॥ ४७॥ देशव्रत और समर्थ बंडल का स्वरूप १८६ पथ - साहू में पुर, सर, सरिता, नित राखत, भ्रघ तैं डरता । सब अनरथ दंड न करिहै, छिन छिन निजधर्म सुमरि है ।। ५-७-४ अर्थ - दिव्रत में जीवन पर्यन्त के लिये की गई मर्यादा को संकुचित करने के लिये नगर तालाब, नदी मादि तक जाने-माने की मर्यादा करके वेशव्रत का पालन करता है और निस्य ही पापों से डरता है यह उसका देशव्रत है। वह पापदेश, हिंसादान, श्रपध्यान, दुःख ति और प्रमाद इन पांच प्रकार के अर्थदंडों क त्यागकर दंड का नाम प्रतक्ष कपने आत्म धर्म का । है स्मरण करता रहता है। इस प्रकार ३ गुणवतों का पालन करता है ॥४ सामयिक शिक्षात्रत पद्य - दवं, धान, काल सुध भाव, समता सामायिक ध्यावे । यों वह एकाकी ही है, निष्किंचन मुनियों सोहे ॥ ५-८-४६ अर्थ- - द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव की मर्यादा पूर्वक, मन में समताभाव घार कर सामायिक करता है। सामायिक के समय अपने आप को एकाकी अनुभव करता है तथा किचन-भाव, बारण कर उपचार से मुनिवत् शोभित होता है ॥ ४२ ॥ भोगोपभोग परिमाण और अतिथि संविभाग शिक्षाव्रत पद्य - परिषद् परिमाण विचार, नितनेम भोग का बारं । सुनि भावन विरिया जोबे, तब जोग प्रसन मुख लावं । ५-६-५० अर्थ - ( वह सम्यग्डष्टि गृहस्थ ) परिग्रह परिमाण व्रत का ध्यान रखते हुए प्रतिदिन भोगोपभोग की सामग्री का नियम करता है अतः वह भोगोपभोग परिमाण व्रत का पालन करता है । घर पर, मुनि, धार्मिका श्रादि उत्तम पात्रों के आने की प्रतीक्षा करता है । द्वारापेक्षण क्रिया के बाद ही योग्य भोजन लेता है अतः वह प्रतिथि संविभाग व्रत का पालन करता है ॥ ५० ॥ सहलेखना पथ-ये उत्तम किरिया करता, नित रहे पाप करता । जब निकट मृत्यु निज जाने, तब ही सब ममता भानं ।। ५- १०-५१ । अर्थ- इस प्रकार की उत्तम क्रिया (५ अणुव्रत, ३ गुणव्रत, सामायिक, भोगोपभोग परिमाण और यतिथि संविभाग) को पालता हुआ (वह गृहस्थ ) सदैव पापों से भयभीत
SR No.090253
Book TitleKavivar Budhjan Vyaktitva Evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Shastri
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year1986
Total Pages241
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & History
File Size4 MB
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