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________________ ( १६१ ) हैं ? इसी प्रकार प्रदेशों की अपेक्षा वे संख्यात, असंख्यात या अनंतगुणित रूप विशेष से परस्पर होन हैं या अधिक हैं ? मार्गदर्शक :- आचार्य श्री सुविधिसागर जी महाराज विशेष – इस गाथा की पुच्छाओं का समाधान आगे किया गया है । बंधे होई उदयो अहिओ उदास संकमो अहियो । गुणगुणा बोद्धव्वा होइ श्रणुभागे ॥ १४३ ॥ बंध से उदय अधिक होता है तथा उदयसे संक्रमण अधिक होता है । इस प्रकार अनुभाग के विषय में गुण श्रेणी अनंतगुणो जानना चाहिये | I विशेष - अनुभाग विषय बंध स्तोक है । बंध से उदय अधिक | उदय से संक्रम अधिक है। बंध से उदय कितना अधिक है ? उदग्रो "अांतगुणो" उदय अनंतगुणा है । उदय से संक्रमण अनन्त गुणा है । ( १९९४ ) बंधे होइ उहि उदा संकमो अहिओ । गुलदास खेज्जा च पदेसग्गेण बोद्धव्या ॥ १४४ ॥ वंधसे उदय अधिक होता हैं । उदय से संक्रमण अधिक होता है | इस प्रकार प्रदेशाग्र की अपेक्षा गुणश्रेणी श्रसंख्यातगुणी जानना चाहिये । विशेष --- "पदेसग्गेण बंत्री योत्रो" - प्रदेशांन की अपेक्षा बंध स्तोक है । "उदयो संखेज्जगुणो" - उदय बंध से असंख्यात गुणा है । "संक्रमो श्रसंखेज्जगुणो " - संक्रम उदय से असंख्यातगुणा हैं । ( १६६५ उदय व अतगुणोस पहि-बंधे होइ अणुभागे । से काले उदयादो सौंपहिबंधो अतगुणो ॥ ९४५ ॥ अनुभाग की अपेक्षा सांप्रतिक बंध से सांप्रतिक उदय अनन्त
SR No.090249
Book TitleKashaypahud Sutra
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorSumeruchand Diwakar Shastri
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages327
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size7 MB
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