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________________ -गा० १६३] - १०. लोगाणुवेक्खा ४११ देवा वि णारया वि य लद्धियपुण्णा हु संतरां होति । सम्मुच्छियां वि मणुया सेसा सवे णिरंतरया ॥ १५२ ॥ मणुयादो गेरइया णेरड्यादो असंख-गुण-गुणियाँ । सधे हवंति देवा पत्तेय-वणफंदी तत्तो ।। १५३ ॥ पंचक्खा चउरक्खा लद्धियपुर्णा तहेब तेयक्खा । वेयक्खा वि य कमसो विसेस-सहिदाँ हु सव-संखाएँ ॥ १५४ ॥ चउरक्खा पंचक्खा येयक्खा तह य जाणे तेयक्खा । एदे पज्जयि युवा अहिया सहिया कोषोय ।। १ ।। परिवजिय सुहुमाणं सेस-तिरक्खाणे पुषण-देहाणं। इको भागो होदि हु संखातीदा अपुण्णाणं ॥ १५६ ॥ सुहुमापज्जत्ताणं इको भागो हवेदि णियमेण । संखिज्जों खलु भागा तेसि पजत्ति-देहाणं ॥ १५७ ॥ संखिज-गुणा देया अंतिम-पडला, आणेदं जावे। ततो असंख-गुणिदा सोहम्म जाष पडिपडलं ॥ १५८॥ सत्तम-णारयहितो असंख-गुणिर्दा हवंति णेरइया । जाव य पढम णरयं बहु-दुक्खा होति हेहिट्ठीं ॥ १५९ ॥ कप्प-सुरा भाषणया वितर-देवा तहेव जोइसिया । बे" हुति असंख-गुणा संख-गुणा होंति जोइसिया ॥ १६ ॥" पसेयाणं आऊ वास-सहस्साणि दह हवे परमं । अंतो-मुत्तमाऊ साहारण-सब-सुहमाणं ॥ १६१ ॥ बावीस-सत्त-सहसा पुढवी-तोयाण आउस होदि। अग्गीणं तिषिण दिणा तिणि सहस्साणि वाऊणं ॥ १६२ ॥ बारस-वास विर्यक्खे एगुणवण्णा दिणाणि तेयाक्खे । चउरक्खे छम्मासा पंचक्खे तिण्णि पलाणि ॥ १६३ ॥" लमसग सांतरा। २ दग समुच्छिया । ३ अंतरं ॥ मणुयादो इत्यादि । ५ स गुणिदा । ५ गवणप्पदी। ६ब लन्दिपुण्णा तहेय। ब बिसेसिसहदा, ग विसेसहिदा । ८स संक्खाय, म सम्बजए। ९में जाणि। १. लमस तिरिक्खाण। १५ लभसग एगो भागो हवेछ । १२ब संखया। १३ ल पटलावु, स पढलादो, ग पटसादो। १ लग आरण, स आणदे। १५ जाम । १ब गुणिया। १. सग हर्वति । १८ बम हिटिट्ठा। १९ बम ते । २० व अल्पबहुवं । पत्तेयाण इत्यादि। लग परमा । २२ व महुसमाऊ । २३ ब अगिणं, म भगीणं । २४ व बिअक्खे । २५ व तेमक्खे । २६ व उस्कार सव्व इत्यादि।
SR No.090248
Book TitleKartikeyanupreksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKumar Swami
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year
Total Pages589
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size19 MB
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