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यंत्र मंत्र ऋद्धि पूजन यादि सहित
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जननयनकुमुदचन्द्र
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ऋद्धि - ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमः ।
मंत्र-ॐ नमो धरणंन्द्र पद्मावतीसहिताय श्रीं क्लीं ऐं श्रहं नमः (स्वाहा ।
गुण-लक्ष्मी की प्राप्ति मौर व्यापार में लाभ होता है। फल -- तिलकपुर नगरी के मिथ्यात्वी भ्रमरदत्त वैश्य ने इस स्तोत्र के ४४ वें काव्यसहित इस मंत्र की प्राराधना के प्रभाव से विपुल सम्पत्ति प्राप्त की थी।