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________________ आभार : हम श्रीमहावीर क्षेत्र कमेटी एवं उसके अध्यक्ष महोदय कर्नल डा० राजमलजी कासलीवाल तथा मंत्री श्री गंदीलालजी साह एडवोकेट के आभारी हैं जिन्होंने इस को अपने साहित्यशोध विभाग से प्रकाशित कराया है। क्षेत्र के साहित्यशोध विभाग को प्रोर से प्राचीन हिन्दी रचनाओं के प्रकाश में लाने का जो महत्वपूर्ण काम हो रहा है उसके लिये सारा हिन्दी जगत उनका कृत्तश है। क्षेत्र के स हिस्य शोध विभाग के अन्य विद्वान् श्री अनूपचंद न्यायतीर्थं सुगनचंच जैन एवं प्रेमचंद का के भी हम आभारी हैं जिन्होंने इस ग्रन्थ के प्रकाशन में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। श्री दि० जैन मन्दिर पाटोदी जयपुर के शास्त्र भण्डार के व्यवस्थापक श्री नाथूलालजी बज के भी हम कृतज्ञ हैं की हस्तलिखित प्रति बेकर इस काव्य के प्रकाशन में हम श्री पं० सुखदासजी व्यायतीर्थ के प्रति जिनको सतत प्ररेणा हो इस ग्रन्थ के प्रकाशन में महत्वपूर्ण सिद्ध हुई है। सहायक बने है। अन्त में आभार प्रदर्शित करते हैं माताप्रसाद गुप्त कस्तूरचंद कासलीवाल उनतालीस
SR No.090229
Book TitleJindutta Charit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
PublisherGendilal Shah Jaipur
Publication Year
Total Pages296
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size4 MB
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