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________________ कुबड उ :: बडी - कूजा = कुधा - ५७ केउ - केतु - १३ केतकु कितने ही - १२७ केत्त कितन केवल = केवढे का कैसे : = = = केन लगाणु केला = केह = क्या ३२३ कैलास = = कुबडी - ४००, ४०७ ३७७ = = कोइल १७५ - ४५८, ४५६ कोट कांडि = करोड - १३०, १३५ - १८४, १८५, ३६१, ४०६, ४५२ कॉडी = - ६१ कौतूहल = कोतूहल - ३२०, ३५ कोदइ = चावल = ४०६ १५.५ कोपड़ = कुपित कोमिंज को प्रित १३३ = = १६६ = केवलज्ञान ५४६ ३३, ४१२ कैलाश - २६२ ३० १४, १५६ कीषु = क्रोत्र - १७० २४६, २६६ कोलाहलु शोर - १२३ कोली = जातिविशेष - ४३ = कोवि कोई ३६ = कोस कोड = क्रोध ४७० कौन -५६७ कौवि = कोई - १४५ कंचरण = स्वर्ण - ३६, ४२६, २७ कंचरणदे = - २७१ कंजुरी = ܕܕ - - - - १८.७ - ८ कबुली हाथी - ३७३ कुंजर कुंडल == कानों के प्रानूपरण - १६६ - कंदलह ऋषि = क्रू चू कुडलपुरु कंठारोहण = कंठ का रुकना 5 मठिमला ३७० कंस = नाथ १५६, ३०३ ६४ = = H .. = कन्धा ३५८ कांति = सुन्दर - २७३ किंकर सेवक ४११ Axe - - कुद = एक पुष्प कुमी पाक = ग्वालउ = - - ६२ 4 २४५ स १८३ खखदि = कठिनाई - १४३ खचिय = खींचना है खसि = क्षण १४२ वडग :: तलवार खत्री = क्षत्रिय - ६६ ख - - - ६५ खयर = खरी = खड़ी, श्रप्य - १८१ . ४१० निश्चय उदल = खाज = खाद्य पदार्थ चारपाई - २२५ खाट = खाई वडग '४२५ ख. न = भण्डार - 1 २१८ ४४ - - ५१४ ७ १०७ खाली पिचका - -T ४१३ १८१ १७६, २१५ -- ६ १५६ ३७७
SR No.090229
Book TitleJindutta Charit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
PublisherGendilal Shah Jaipur
Publication Year
Total Pages296
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size4 MB
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