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मान की दूसरी संग्रह कृष्टिसे प्रदेशपुंज किस में संक्रमित होता है इसका निर्देश
मानक तीसरी संग्रह कृटिसे प्रदेशपुंज किसमें संक्रमित होता है इसका निर्देश
क्रोधकी प्रथम संग्रहकृष्टि के समान जिस समय जिस संग्रह कृष्टिका वेदन करता है उस समय किसका बन्ध होता है एतद्विषयक
( ३१ )
मायाको प्रथमादि संग्रह कृष्टियोसे प्रदेशपुंज किसमें संक्रमित होता है इसका निर्देश २७३ क्रोध की प्रथम और दूसरी संग्रह कृष्टियों से प्रदेशपुंज किसमें सक्रमित होता है इसका निर्देश
२७४
प्ररूपणा
उस समय संज्वलनोंके स्थितिबन्धका निर्देश उस समय शेष कर्मोंके स्थितिबन्धका निर्देश उक्त कर्मोंके स्थिति सत्कर्मका निर्देश क्रोधकी तीसरी संग्रहकृष्टिके वेदकभावकी प्ररूपणा आदि
२७३
उस समय संज्वलन आदि सब व मौके स्थितिबन्ध और स्थितिसत्कर्मका निर्देश
मानकी प्रथम संग्रहकृष्टि विषयक विशेष प्ररूपणा
प्रकृत में उपस्थित शंका-समाधानका निर्देश उस समय शेष कषायों के अनुभागबन्धकी प्रवृत्ति विषयक निर्देश
मानको प्रथम संग्रहकृष्टिका किस प्रकार वेदन करता है इसका निर्देश
प्रकृत में अन्य आवश्यक प्ररूपणाका निर्देश जब मानकी प्रथम संग्रहकृष्टिकी प्रथम स्थिति
२७३
प्ररूपणा
२७४ ११ संग्रहकृष्टियों सम्बन्धी अन्तरकृष्टियों के अल्पबहुत्वका निर्देश प्रकृत में प्रदेशपुंज विषयक अलाबहुस्त्रका निर्देश २७८ क्रोधको दूसरी संग्रहकृष्टि विषयक अभ्य
२७६
२७९
२७९
२८०
२८०
२८०
२८२
२८३
२८४
२८६
२८६
२८७
समयाधिक एक आवलि प्रमाण शेष रहती है तब सभी कर्मोंका स्थितिबन्ध और स्थितिसत्कर्म कितना होता है इसका निर्देश २८७
मानकी दूसरी संग्रहकृष्टि विषयक विशेष प्ररूपणा मानकी दूसरी कृष्टिका वेदन करनेवालेके संज्बनों स्थितिबंत्र और सत्व कितना होता है। इसका निर्देश २८९ मानकी तोसरी कृष्टि विषयक विशेष प्ररूपणा २८९ उस समय तीन संज्वलनोंका स्थितिबन्ध और
सत्व कितना होता है इसका निर्देश २९० मायाकी प्रथम कृष्टिका प्रथम स्थितिकरण और वेदनका निर्देश
२९० उस समय दो संज्वलनोंके स्थितिबन्ध और स्थितिसत्त्वका निर्देश
२९० मायाके दूसरे कृष्टिकरण और वेदनका निर्देश २९० दोनों संज्वलनोंके स्थितिबन्ध और स्थिति सत्त्वका निर्देश २९० माया के अन्तिम समय वेदनके दोनों संज्वलनों के साथ शेष कर्मोंके स्थितिबन्ध और स्थितिसवका निर्देश
२९१ लोमकी प्रथम कृष्टिकी प्रथम स्थितिकरण और वेदनका निर्देश
२९२
उस समय लोभके स्थितिबन्ध और स्थितिसत्वका निर्देश
शेष कर्मोके स्थितिबन्ध और स्थिति सत्त्वका निर्देश
२८८
२९३
इसका
२९४
लोभकी दूसरी कृष्टिका प्रथम स्थितिकरण और वेदनका निर्देश
सुक्ष्म कृष्टिकरण विधिका निर्देश
सूक्ष्म कृष्टियोंका अवस्थान कहाँ निर्देश
सूक्ष्म कृष्टियोंके स्वरूपका निर्देश अन्तर कृष्टियों के अल्प बहुत्वका निर्देश
सूक्ष्म कृष्टियाँ किस समय कितनी की जाती हैं। इसका निर्देश
३००
सूक्ष्म कृष्टियो में किस समय कितने प्रदेश दिये जाते हैं इसका निर्देश
सूक्ष्म कृष्टियोंकी श्रेणि प्ररूपणाका निर्देश अन्तिम सूक्ष्म कृष्टिसे बादर कृष्टिमें कितना प्रदेश पुंज मिलता है इसका निर्देश
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