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________________ २३२ जयधवलासहिदे कसायपाहुडे $ १८९. 'के बंधदि' त्ति एदम्मि बीजपदे बंधमग्गणासण्णिदो पढमो अस्थो पडिबद्धो त्ति भणिदं होइ * के व वेदयदि त्ति विदिओ अत्थो । $ १९०. 'के व वेदयदि' त्ति एदम्मि गाहासुत्तविदियावयवे उदयमग्गणासण्णिदो विदिओ अत्थो णिबद्धो ति भणिदं होइ । * पच्छिमद्धे तदिओ अत्थो । $ १९१. गाहापच्छद्धे पयडिआदीणं संकमगवेसणसण्णिदो तदिओ अत्थो पडिबद्धो त्ति वुत्तं होइ । एत्थ के अंसे बंधदि, के असे वेदयदि, के वा असे संकामेदि त्ति अंससद्दो पादेक्कमहिसंबंधणिज्जों । 'संकामयपट्ठवगो' त्ति एसो च सुत्तावयवो सव्वेसिमत्थाणं साहारणभावेण जोजेयव्यो । एवमेदेसु तिसु अत्थेसु पडिबद्धत्तमेदिस्से गाहाए परूविय संपहि कदमम्मि अत्थे केत्तियाओ मासगाहाओ णिबद्धाओ त्ति सुत्तपबंधमुत्तरं भणइ * पढमे अत्थे तिणि भासगाहात्रों। 5 १९२. पढमे अत्थे पडिबद्धाओ उवरि भणिस्समाणाओ तिण्णि भासगाहाओ होति त्ति भणिदं होइ-- ६ १८९. 'के बंधदि' इस बीजपदमें बन्धमार्गणा संज्ञक प्रथम अर्थ प्रतिबद्ध है यह उक्त कथनका तात्पर्य है। किन कर्मपुंजोंको वेदता है यह दूसरा अर्थ है। .... १९०. 'के व वेदयदि' गाथासूत्रके इस दूसरे अवयवमें उदय मार्गणासंज्ञक दूसरा अर्थ निबद्ध है यह उक्त कथनका तात्पर्य है। * गाथासूत्रके उत्तरार्धमें तीसरा अर्थ निबद्ध है। $ १९१. गाथाके उत्तरार्धमें प्रकृति आदिके संक्रमकी गवेषणा संज्ञावाला तीसरा अर्थ प्रतिबद्ध है यह उक्त कथनका तात्पर्य है । प्रकृतमें 'के अंसे बंधदि, के अंसे वेदयदि, के वा असे संकामेदि' इस प्रकार प्रत्येक पदके साथ 'अंश' शब्दका सम्बन्ध करना चाहिये। तथा सूत्रके संकामयपट्ठवगो' इस अवयवकी सभी अर्थोके साथ साधारणरूपसे योजना करनी चाहिये। इस प्रकार इन तीन अर्थों में यह गाथासूत्र प्रतिबद्ध है इस प्रकार इस गाथासूत्रकी प्ररूपणा करके अब किस अर्थमें कितनी भाष्यगाथाएं निबद्ध हैं इस बातका ज्ञान कराते हुए आगेके सूत्रप्रबन्धको कहते हैं * प्रथम अर्थमें तीन भाष्यगाथाएँ आई हैं । $ १९२. प्रथम अर्थमें आगे कही जानेवाली तीन भाष्यगाथाएँ प्रतिबद्ध हैं यह उक्त कथन
SR No.090226
Book TitleKasaypahudam Part 14
Original Sutra AuthorGundharacharya
AuthorFulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatvarshiya Digambar Jain Sangh
Publication Year2000
Total Pages442
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Religion
File Size40 MB
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