________________
जयधवलासहिदे कसायपाहुडे
* एदेण कमेण संखेज्जाणि द्विदिबंघसहस्साणि गदाणि । तदो जम्हि दिबंधो हि एक्कसराहेण मोहणीयस्स द्विदिबंधो थोवो | णामागोदाणं द्विदिबंधो असंखेज्जगुणो । चउण्हं कम्माणं द्विदिबंधी तुल्लो असं - खेज्जगुणो ।
१९४
$ ११०. कुदो एवमेत्थुद्देसे मोहणीयट्ठिदिबंधस्स णामागो दडिदिबंधादो असंखेज्जगुणहाणीए सव्वत्थोवभाव परिणामो ति णासंका कायव्वा, अप्पसत्थयरस्स तस्स विसेस - घादवसेण तहाभावसिद्धीए विरोहाभावादो ।
* एदेण कमेण संखेज्जाणि द्विदिबंधसहस्साणि गदाणि । तदो जम्हि अण्णो द्विदिबंधो तम्हि एक्कसराहेण मोहणीयस्स द्विदिबंधो थोवो | णामागोदाण द्विदिबंधो असंखेज्जगुणो । तिन्हं घादिकम्माणं द्विदिबंधो असंखेज्जगुणो । वेदणीयस्स द्विदिबंधो असंखेज्जगुणो ।
$ १११. कुदो एवमेत्थ तिण्डं घादिकम्माणं द्विदिबंधस्स वेदणीयस्स डिदि - बंधादो एक्कसराहेणासंखेज्जगुणहाणीए परिणामो त्ति णासंकियव्वं, घादिकम्माणं विसेसघादवसेण तहाभावोवत्तीय परिबंधाभावादो ।
* इस क्रमसे संख्यात हजार स्थितिबन्ध व्यतीत हो जाते हैं । तत्पश्चात् जिस कालमें अन्य स्थितिबन्ध होता है उस कालमें एक बारमें मोहनीय कर्मका स्थितिबन्ध सबसे स्तोक होता है। नामकर्म और गोत्रकर्मका स्थितिबन्ध असंख्यातगुणा होता है । चार कर्मोंका स्थितिबन्ध परस्पर तुल्य होकर असंख्यातगुणा होता है ।
$ ११०. शंका- इस प्रकार इस स्थानमें मोहनीयकर्मके स्थितिबन्धका नामकर्म और गोत्रकर्मके स्थितिबन्धकी अपेक्षा असंख्यात गुणहानिके द्वारा सबसे स्तोकरूपसे परिणाम किस कारण होता है ?
समाधान - ऐसी आशंका नहीं करनी चाहिये, क्योंकि मोहनीयकर्म अप्रशस्ततर है, इसलिए विशेष घात होनेसे उसकी उस प्रकार की सिद्धि होनेमें विरोधका अभाव है ।
* इस क्रमसे संख्यात हजार स्थितिबन्ध व्यतीत हो जाते हैं । तत्पश्चात् जिस कालमें अन्य स्थितिबन्ध होता है उस कालमें एक बारमें मोहनीयकर्मका स्थितिबन्ध सबसे स्तोक होता है । नामकर्म और गोत्रकर्मका स्थितिबन्ध असंख्यातगुणा होता है । तीन घातिकर्मोंका स्थितिबन्ध असंख्यातगुणा होता है । वेदनीयकर्मका स्थितिबन्ध असंख्यातगुणा होता है ।
$ १११. शंका – इस प्रकार यहाँपर तीन घाति कर्मोंके स्थितिबन्धका वेदनीयकर्मके स्थितिबन्धकी अपेक्षा एक बार में असंख्यात गुणहानिरूपसे परिणाम किस कारण होता है ?
समाधान - ऐसी आशंका नहीं करनी चाहिये, क्योंकि घातिकर्मोक विशेष घातके कारण उस प्रकारसे व्यवस्था बननेमें कोई प्रतिबन्ध नहीं है ।