________________
विषय
१. अनुभाग उदीरणा
अनुभाग उदीरणा मूल गाथासूत्रानुसारी
है इसकी सूचना पूर्वक उसके कथनकी प्रतिज्ञा
अन्य विषय में अर्थ पदका निर्देश अनुभाग प्ररूपणाका स्वरूप निर्देश उसके समर्थन में आगमप्रमाण
२. मूलप्रकृति अनुभाग उदीरणा
मूलप्रकृति अनुभाग उदीरणामें २३ अनुयोगद्वारोंकी सूचना
संज्ञाके दो भेदोंका निर्देश
घाति संज्ञा के दो भेद
३
जघन्य अतिस्थापना और जघन्य निक्षेपप्रमाण स्पर्धकोंका अपकर्षण नहीं होता इस बातका निर्देश शेष सब स्पर्धकोंका अपकर्षण होता है, इसका निर्देश ३ अनुभाग उदीरणाके दो भेदों का निर्देश
४
उत्कृष्ट घातिसंज्ञा
जघन्य घातिसंज्ञा
स्थान संज्ञाके दो भेद
उत्कृष्ट स्थान संज्ञा
जघन्य स्थान संज्ञा
सर्व उदीरणा-नो सर्वउदीरणा
सादी आदि ४
स्वामित्व - उत्कृष्ट और जघन्य
एक जीव की अपेक्षा काल उत्कृष्ट और जघन्य एक जीवकी अपेक्षा अन्तर- उत्कृष्ट और जघन्य नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविचय
भागाभागानुगम
परिमाण - उत्कृष्ट और जघन्य क्षेत्र - उत्कृष्ट और जघन्य स्पर्शन• उत्कृष्ट और जघन्य काल- उत्कृष्ट और जघन्य अन्तर- उत्कृष्ट और जघन्य
भावानुगम
अल्पबहुत्व- उत्कृष्ट और जघन्य
भुजगार
१३ अनुयोगद्वारोंकी सूचना
समुत्कीर्तना
स्वामित्व
[ 14 ]
विषय-सूची
एक जीवकी अपेक्षा काल
एक जीवकी अपेक्षा अन्तर
पृष्ठ
१.
२
२
२
४
४
४
४
५
५
५
५
६
६
७
८
१०
१३
१३
१४
१४
१५
१८
१९
१९.
२०
२०
२०
२०
२१
२१
नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविचय
भागाभाग
परिमाण
क्षेत्र
स्पर्शन
काल
अन्तर
भाव
अल्पबहुत्व
३ अनुयोगद्वारोंकी सूचना
समुत्कीर्तना- उत्कृष्ट और अघन्य स्वामित्व - उत्कृष्ट और जघन्य
अल्पबहुत्व - उत्कृष्ट और जघन्य
वृद्धि
१३ अनुयोगद्वारोंकी सूचना
समुत्कीर्तना
स्वामित्व
काल
अन्तर
नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविचय
भागाभाग
परिमाण
क्षेत्र
स्पर्शन
निक्षेप
काल
अन्तर
भाव
अल्पबहुत्व
अनुभाग उदीरणास्थान
३. उत्तर प्रकृति अनुभाग उदीरणा
उसमें २४ अनुयोगद्वार और भुजगार आदि की
सूचना
संज्ञा उसके दो भेद
दोनो संज्ञाओंका एक साथ सकारण निरूपण
सर्व नोसर्व उदीरणा
उत्कृष्ट अनुत्कृष्ट उदीरणा
जघन्य - अजघन्य उदीरणा
सादि आदि ४
* * x x x 2 2 2.
२३
२३
२४
२४
२४
२५
२६
२७
2228
२७
२७
२७
२९
생생생생 생
३०
३०
३२
३२
३३
३३
३३
३४
३५
३५
३५
३६
३६
३७
३७
४५
४५
४५
४५