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गा०५८
उत्तरपयडिअ णुभागसंकमे अप्पाबहुअं 5 ३१६. एदाणि तिण्णि वि सुत्ताणि सुगमाणि । ॐ पचखाणमाणस्स जहएणाणुभागसंकमो अणंतगुणो। ६ ३२०. कुदो १ सयलसंजमघादित्तण्णहाणुववत्तीए तस्स सब्भावसिद्धीदो । * कोहस्स जहएणाणुभागसंकमो विसेसाहिओ। * मायाए जहणाणुभागसंकमो विसेसाहिओ।
ॐ लोभस्स जहणणाणुभागसंकमो विसेसाहिओ। ६३२१. एदाणि तिण्णि वि सुताणि पयडिविसेसमेत्तकारणावेक्खाणि सुगमाणि । ® माणसंजलणस्स जहणणाणभागसंकमो अणंतगुणो। ६ ३२२. कुदो ? जहाक्खादसंजमघादणसत्तिसमण्णिदत्तादो। * कोहसंजलणस्स जहणणाणुभागसंकमो विसेसाहिओ। * मायासंजलपस्स जहषपाणुभागसंकमो विसेसाहियो । * लोभसंजलपस्स जहरणाणुभागसंकमो विसेसाहिओ।
१३२३. एत्थ सव्वत्थ पयडिविसेसो चेय विसेसाहित्तस्स कारणं ददुव्वं । विसेसपमाणं च अर्णताणि फद्दयाणि ति घेत्तव्वं ।
मिच्छत्तस्स जहरणाणुभागसंकमो अपंतगुणो।
६३१६. ये तीनों ही सूत्र सुगम हैं। * उससे प्रत्याख्यानमानका जघन्य अनुभागसंक्रम अनन्तगुणा है ।
६३२०. क्योंकि अन्यथा यह मान सकलसंयमका घाती नहीं हो सकता, इसलिए वह पूर्वोक्तसे अनन्तगुणा सिद्ध होता है।
* उससे प्रत्याख्यानक्रोधका जघन्य अनुभागसंक्रम विशेष अधिक है। * उससे प्रत्याख्यानमायाका जघन्य अनुभागसंक्रम विशेष अधिक है। * उससे प्रत्याख्यान लोभका जघन्य अनुभागसंक्रम विशेष अधिक है। ६३२१. प्रकृति विशेषमात्र कारणोंकी अपेक्षा रखनेवाले ये तीनो ही सूत्र सुगम हैं। * उससे मानसंज्वलनका जघन्य अनुभागसंक्रम अनन्तगुणा है। ६३२२. क्योंकि यह यथाख्यातसंयमका घात करनेवाली शक्तिसे युक्त है। * उससे क्रोधसंज्वलनका जघन्य अनुभागसंक्रम विशेष अधिक है । * उससे मायासंज्वलनका जघन्य अनुभागसंक्रम विशेष अधिक है। * उससे लोमसंज्वलनका जघन्य अनुभागसंक्रस विशेष अधिक है।
६३२३. यहाँ पर सर्वत्र प्रकृतिविशेष ही विशेष अधिक होनेका कारण जानना चाहिए । और विशेषका प्रमाण अनन्त स्पर्धक हैं ऐसा ग्रहण करना चाहिए।
* उससे मिथ्यात्वका जघन्य अनुभागसंक्रम अनन्तगुणा है।