SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 510
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विहितम् ] नन्दीश्वरद्वीपस्तोत्रम्। ( ३७१) [ ११३] नंदीश्वरद्वीपस्तोत्रम्। वंदिय नंदियलोयं जिणविसरं विमलकेवलालोयं । नंदीसरचेइयसंथवेण थोसामि तं चेव ॥ १ ॥ जोयणकोडिसय तिस? चउरसी लक्खवलयविक्खंभो । अंदमदीवो नंदोसरु त्ति सइविलसिरसुरोहो ॥२॥ तत्थ हु मज्झे चउरो दिसासु अंजणगिरी धवलवण्णा । जोवण सहस्स चुलसीइ सूसिया सहस्समवमाढा ॥३॥ भूमितले दससहसा चउणंघइसबसहस्समुवरितले। . पिहुला अडवीसं सतिगं व दसंसो उ खयवुढी ॥ ४ ॥ पुवदिसि देवरमणो निच्चुजोओ य दाहिणदिसाए ॥ अवरदिसाए उ सयंपभ-रमणिज्जो उत्तरे पासे ॥ ५ ॥ अंजणगाण चउदिसि जोयणलक्खंमि लक्खविखंभा । पुक्खरिणीओं सहस्सव्वेहा निम्मच्छसबछजला ॥ ६ ॥ नंदिसेण अमोहा य मोतुमा या ३ सुदंसणा' । नंदुत्तरा य नंदा सुनंदा नंदिवद्धणाः ॥ ७ ॥ भद्दा विसाला कुमुया बारसी पुंडरीमिमी । विजया य वैजयंती जयंती अपराजिया ॥ ८ ॥ पुव्वा य कमा नाना पुक्खरिणीणं तओ य पंचसए । गंतूण लक्खदीहा वणसंडा पंचसयपिहुला ॥ ९ ॥ पुवेण असोगवणं दाहिणओ ताण सत्तिवण्णिवणं । चंपगवणमवणुत्तरेणु सन्वाणुभूअवर्ण ॥ १० ॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.090206
Book TitleJain Stotra Sandohe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChaturvijay
PublisherSarabhai Manilal Nawab
Publication Year1932
Total Pages662
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Devotion, & Worship
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy