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________________ 72/ जैन समाज का वृहद् इतिहास उनका योगदान रहता था। यहां पर अधिकांश परिवार कुचामन, लाडनूं, सुजानगढ़, बेरी, छापड़ा, बनगोठड़ी, सीकर, मुकन्दगढ़, राणोली से आये हुये हैं । 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. 2. 3. वर्तमान में भगवानलाल जी का राजकीय हॉस्पिटल बना रहे हैं। क्र.स. नगर का नाम 1. गौहाटी 4. जगमल अजीत कुमार जी सेटी द्वारा उमराव बाई चेरिटेबल ट्रस्ट के 20 लाख का मातृ-शिशु सदन का निर्माण करवा रहे हैं। हाईस्कूल की बिल्डिंग बन रही है। यहां की कंवरीलाल जी छाबड़ा की माताजी सबसे वयोवृद्ध महिला हैं । श्री मेघराज जी पाटनी सबसे वयोवृद्ध हैं जो डीमापुर भी रहते हैं । यहां का वीर विकास मंडल अच्छा कार्य कर रहा है। यहां के श्री धर्मचन्द जी पाटनी पद्मश्री की मानद राष्ट्रीय उपाधि से सम्मानित हैं । यहां के जैन विद्यालय में पं. धर्मचन्द जी पाटनी धर्माध्यापक हैं जो विगत 22 वर्षों से यहां कार्यरत हैं। श्री महाचन्द जी सेठी अच्छे लेखक हैं जो सीकर के जैन मन्दिरों का इतिहास लिख रहे हैं। खण्डेलवाल जैन समाज में पाटनी, सेठी, छाबड़ा, कासलीवाल, बड़जात्या, पहाड़िया, बाकलीवाल, झांझरी, गंगवाल, ठोलिया आदि गोत्रों के परिवार हैं । की स्मृति में उनके पुत्र विजय कुमार जी पाटनी 20 लाख की लागत डीमापुर इम्फाल तिनसुकिया पूर्वाञ्चल प्रदेश में जैन समाज एक झलक जैन परिवारों की संख्या 650 घर (अग्रवाल, परवार, पद्मावती पुरवार) जनसंख्या 5000 250 घर जनसंख्या 2300 2300 घर (खण्डेलवाल - 225, गोलापुरव-2, पद्मावती पुरवार- 3 अग्रवाल -1) 65 परिवार जनसंख्या -400 - - मन्दिरों/चैत्यालयों की संख्या मन्दिर - 1. चैत्यालय - 7 मन्दिर - 1 चैत्यालय-2 मन्दिर - 1, चैत्यालय - 2 मन्दिर - - 1
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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