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________________ श्री महावीर प्रसाद पाटनी सेलम (मद्रास) के निवासी श्री महावीर प्रसाद पाटनी अच्छे समाजसेवी हैं। 49 वर्षीय श्री पाटनी जी साबूदाना का व्यवसाय करते हैं । आपकी धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला दो पुत्र गौतम, संजय एवं तीन पुत्रियों को जननी है । महाराष्ट्र एवं दक्षिण का जैन समाज /649 आपके पिताजी श्री हीरालाल जी पाटनी से लभ में सबसे पहले आये थे तथा और बन्धुओं को सेसन अग्ने को पोत्साहित किया। आपने सबसे पहिले चैत्यालय का निर्माण करवाया। आपकी धर्मपत्नी शुद्ध खान-पान का नियम रखती है। पता - अजित राय एंड कम्पनी, सूरमंगलम मेन रोड़, ली बाजार, सेलम-49 श्री मूलचन्द पाटनी जन्मतिथि ज्येष्ठ कृष्णा 3 संवत् 1975 दि. 28-5-1918 शिक्षा - श्री महावीर दि. जैन विद्यालय रेनवाल (राज) से शास्त्री प्रथम खण्ड पास की। आप पं. चैनसुखदास जी के प्रिय शिष्य रहे हैं। आपके पिता श्री रामचन्द्रजी जी पाटनी एवं मातुश्री चंदरीदेवी दोनों का स्वर्गवास हो चुका है। आपका विवाह श्रीमती सुगनीदेवी के साथ चैत्र कृष्णा 7 वि. सं. 1933 में सम्पन्न हुआ। श्रीमती सुगनीदेवी धर्मपत्नी श्री मूलचन्द्रजी पाटनी सन्तान आपके दो पुत्र एवं एक पुत्री है। ज्येष्ठ पुत्र, श्री सुशील पाटनी बीई.(मेकनिकल) डी.पी. ओ. एण्ड एम हैं। विवाहित हैं पत्नी श्रीमती बीना जैन है। डाइकास्टिंग एवं फेब्रीकेशन उद्योग का संचालन करते हैं। छोटे पुत्र श्री निर्मल जैन बी.कॉम. हैं। श्रीमती सुनीता आपकी पत्नी है। आपके कम्प्यूटर की चीजों का व्यवसाय है। आपके पौत्र-पौत्रियों के नाम कुमारी शिल्पा, प्रीति, राजश्री, भावेशकुमार एवं निराली है । आपकी एक मात्र पुत्री शकुन्तला का दुर्ग में विवाह हो चुका है। विशेष :- सामाजिक क्षेत्र में आपको पर्याप्त यश प्राप्त है। श्री चन्द्रप्रभु दि. जैन पुस्तकालय 161 भूलेश्वर बम्बई के पिछले 10 वर्षों से मानद मंत्री हैं। अपने ग्राम करनसर के प्रति गहरी लगन है । अपने ग्राम में मातुश्री स्व. चन्द्रीदेवी की स्मृति में बालिकाओं को शिक्षण के लिये एक भव्य भवन का अपने परिवार के सहयोग से निर्माण करवाकर श्रीमती चंदरी देवी पाटनी राजकीय उच्च प्राथमिक बालिका विद्यालय नाम सरकार को संचालन हेतु प्रदान किया। इसी तरह करनसर राजकीय हाईस्कूल के भवन में एक बड़े हाल के कमरे के आगे बरामदे का निर्माण करवाया। यात्रा प्रेमी है और अब तक बिहार एवं दक्षिण के तीर्थों की यात्रा कर चुके हैं। दोनों पति-पत्नी मुनिभक्त हैं। आहार देते रहते हैं । आ. सूर्यसागर जी ज्ञानसागरजी, विवेक सागर जी, विजय सागर जी को आहार दे चुके हैं। राज्य अच्छे लेखक हैं और बीर वाणी (जयपुर) एवं महावीर जयंती स्मारिका में लेख प्रकाशित होते रहते हैं। पाटनी जी कुशल कार्यकर्ता एवं अनुभवी समाजसेवी हैं। जो कार्य हाथ में लेते हैं उसे पूर्ण उत्तरदायित्व के साथ निभाते हैं। पता :- 6, हाइवे हाऊस, नेहरू रोड, सांताक्रुज (पूर्व) बंबई - 400055
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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