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________________ महाराष्ट्र एवं दक्षिण का जैन समाज /643 लेखन, निर्देशन करते हैं। अभी आपके द्वारा निर्मित "मैंने प्यार किसा" फिल्म ने बहुत नाम कमाया है । कमल बाबू के पुत्र रवि फिल्म लंद्योग में नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। बडजात्याजी महर्षि अरविन्द के एवं मांश्री के बहुत बड़े भक्त हैं तथा उनके दर्शनों को जाते रहते हैं। आपका सामाजिक दिशा में योगदान जब कभी होता ही रहता है। आपके तीनों पुत्र इस दिशा में विशेष प्रयत्नशील रहते हैं। कर श्री कगन कुमार बड़ागा श्री राजकुमार बड़जाल्या श्रो अजित कुमार बड़जात्या पता : राजश्री पिश्चर्स, बम्बई श्री निर्मल कुमार बाकलीवाल 16 वर्ष की अल्प आयु में किशनगढ़ (राज) से सेलम जाकर व्यवसाय में पैर रखने वाले श्री निर्मल कुमार बाकलीवाल सूझबूझ,साहस एवं प्रतिभा के धनी हैं । वर्तमान में सेलम जैन समाज में आपका अत्यधिक लोकप्रिय स्थान है । सामाजिक कार्यों में आप को खूब रुवि रहती हैं। साधुओं के परम भक्त हैं । आपका जन्म 14 सितम्बर, 1943 को हुआ । सन् 1958 में अजमेर बोई से मैट्रिक किया और सन् 1959 में राजस्थान से तमिलनाडु में आ गये। यहाँ आने के पश्चात् आपका विवाह किशनगढ़ के कंवरलाल जी अजमेरा की सुपुत्री श्रीमती सरोज देवी से हुआ जो अत्यधिक व्यवहारकुशल एवं स्वभाव से विनम्र एवं आतिथ्य प्रिय हैं । आपके पिताजी श्री भंवरलाल जी बाकलीवाल का सन् 1983 में स्वर्गवास हो गया उस समय वे 73 वर्ष के थे। आप अपनी आय का 10 वां भाग दान पुण्य में लगाया करते थे। धार्मिक जीवन यापन करते थे। अष्टमी चतुर्दशी को उपवास करते थे । श्रीमती सरोजदेवी धर्मपली बाकलीवाल जी को तीन पुत्र एवं दो पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है । ज्येष्ठ श्री निर्गल कुमार जी पुत्र श्री नरेन्द्र कुमार ने भी काम किया है ! अभी सन् 1981 में विवाह हुआ है । पत्नी का नाम
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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