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________________ 626/ जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री रतनलाल जी राव श्री रतनलाल जी राव का परिवार राजस्थान से व्यापार मेलआर और इन्होंने आदत का कार्य छगनलाल रतनलाल के नाम से किया । किन्तु दुर्देव से गुड़ के सट्टे व अन्य कारणों से दुकान बन्द करनी पड़ी और अब यह परिवार मण्डी में स्वतन्त्र रूप से दलाली का कार्य करते हैं। श्री रतनलाल जी काफी धार्मिक व्यक्ति हैं और नियमित रूप से पूजा-पाठ व शाल सभा में जाते हैं। इनके एक मात्र पुत्र श्री महावीर प्रसाद भी इन्हीं के साथ स्वतन्त्र रूप से दलाली का कार्य करते हैं और यह भी धार्मिक रुचि के व्यक्ति हैं और सामाजिक व राजनीतिक गतिविधियों में रुचि लेते हैं। इनकी पत्नी का नाम मधु है और इनके दो और पुत्र दो पुत्रियां हैं । पुत्री श्रीमती ममता विवाहित है दूसरी पुत्री कु. बबीता एवं दोनों पुत्र सुभाष एवं विकास अध्ययनरत हैं। श्री रामचन्द्र रारा 20 वीं शताब्दी के आरम्भ में लगभग दस वर्ष की आयु में श्री रामचन्द्र रारा नवलगढ़ राजस्थान से हापुड में फर्म शोभाराम गोपालराय के यहां नौकरी करने के लिए आये और यहीं स्थायी रूप से बस गये । बाद में इन्होंने अपना व्यापार किया और बहुत उन्नति की । हापुड़ में इन्हीं की सहायता से दिगम्बर जैन मंदिर का निर्माण भी हुआ । रामचन्द्र जी के तीन पुत्र हुए। सबसे बड़े पुत्र श्री भगवती प्रसाद जैन हापुड़ जो अब जिला गाजियाबाद में ही रहते हैं और हापुड़ के प्रमुख नागरिक और हापुड़ की सभी प्रमुख शिक्षण और सार्वजनिक संस्थाओं से किसी न किसी प्रकार सम्बद्ध हैं। उनके दो पुत्र सुरेश कुमार जैन "बेल' गाजियाबाद में इंजीनियर हैं और सुमत प्रसाद व्यापार करते हैं । रामचन्द्र के दूसरे पुत्र गुलाबचन्द्र जैन स्वर्गवासी हो गये उनके एक पुत्र प्रकाशचन्द्र जैन लखीमपुर खीरी में लखीमपुर डीजल्स के नाम से मोटर पार्टस् का काम करते हैं और छोटे पुत्र पवन जैन "ओम कैरियर रिंग" के नाम से पूरे भारत में ट्रान्सपोर्ट का काम करते हैं और ओवर नाइट कोरियर सर्विस चलाते हैं और साउथ एक्सटेंशन देहली में रहते हैं। रामचन्द्र जी के तीसरे पुत्र ज्ञानेन्द्रकुमार जैन मेरठ में एडवोकेट हैं और दीवानी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुखतम वकीलों में उनकी ख्याति है । उनके पुत्र विनोदकुमार मेरठ के जिला न्यायालय में दीवानी अदालत के सीनियर वकील हैं और दूसरे पुत्र प्रमोदकुमार जैन इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत करते हैं और इलाहाबाद में ही स्थाई रूप से रहते हैं और सीनियर वकीलों में गिने जाते हैं । ज्ञानेन्द्रकुमार जैन की दो पुत्रियां हैं । जिनमें से एक माया जैन का मेरठ के सम्प्रान्त बैन परिवार में श्री यतेन्द्रकुमार जैन से विवाह हुआ है और दूसरी पुत्री उषा जैन रामगढ़ कैन्ट (बिहार) के संभ्रान्त अजमेरा परिवार में श्री भागचन्द्र जैन से हुआ है। श्री रमेशकुमार जैन, एडवोकेट माता - श्रीमती प्रभावती, पिता - स्व. श्री आनन्दकुमार जैन, एडवोकेट जन्म - 18 अगस्त, 1944 ई. परिवार - श्रीमती सुमन प्रभा जैन (पत्नी) रजत राज जैन (पुत्र)
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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