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________________ 586/ जैन समाज का वृहद इतिहास श्री नेमीचन्द पांड्या संवत् 1982 में जन्में श्री नेमीचन्द पांड्या ने सामान्य शिक्षा प्राप्त कर किराना एवं वस्त्र व्यवसाय में प्रवेश किया। सन् 1942 में आपका प्रथम विवाह हुआ तथा सन् 1951 में दूसरा विवाह श्रीमती कमला देवी से हुआ जो वाशिम (महाराष्ट्र) की है। दूसरे विवाह के समय आपकी आयु केवल 25 वर्ष की थी । आपके पिताजी श्री चन्दनमल जी ने मुनि दीक्षा ज कहलाये। आपका सन 1980 में सीकर में समाधिमरण हआ। आपकी माताजो श्रीमतों फूलीदेवी ने आर्यिका दीक्षा प्राप्त की और आर्यिका विमलमतीजी के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त की। आप आचार्य धर्मसागर जी महाराज के संघ में रही। संतार - श्री पांड्या जी के पांच पुत्र एवं एक पुत्री हैं। सभी पुत्र उच्च शिक्षित हैं। श्री पदमकुमार, अनिलकुमार सुशीलकुमार एवं सुबोधकुमार हैं । सभी विवाहित हैं तथा जसपुर में स्वतंत्र अथवा पिताजी के साथ व्यवसाय करते हैं। विशेष - श्री नेमीचन्द कुचामन (राज) में अजमेरो मंदिर में चन्द्रप्रभु की तथा जसपुर के दि.जैन मंदिर में महावीर स्वामी की मूर्ति विराजमान करा चुके हैं । यात्रा प्रेमी हैं तथा बुन्देलखण्ड को छोड़कर सभी तीर्थों की यात्रा कर चुके हैं । जसपुर दि. जैन मंदिर में मंत्री रह चुके हैं। मुनिभक्त हैं । जसपुर पधारने वाले सभी साधु-संतों को आहार आदि देकर पुण्य के भागी बनते हैं। पता - जसपुर नगर (रायगढ़) मध्यप्रदेश। श्री प्रकाशचन्द टोंग्या पिता - स्व. श्री गुलाबचन्दजी टोंग्या,(स्वर्गवास दि.16.11.86) जन्म तिथि - 18 नवम्बर 1931 शिक्षा - बी.कॉम(1956), एम.ए. (1956), एल.एल.बी. (1957) परीक्षा में योग्यता सूची में पांचवा स्थान प्राप्त किया । व्यवसाय - आयकर विक्रयकर सलाहकार एवं मनी लैण्डिग.बैंकर्स विवाह - आपका विवाह 5 मई 1950 को जयपुर निवासी श्री सुन्दरलालजी ठोलिया जौहरी की सुपुत्री पद्माकुमारी के साथ हुआ जो बी.ए. एवं विद्याविनोदिनी हैं। __परिवार - श्री प्रदीपकुमार जो टोंग्या आपके सुपुत्र हैं। इन्होंने एप कॉम, एल.एल.बी. तक शिक्षा ग्रहण की | इनका विवाह कोटा निवासी श्री अनूपचन्द जैन एडवोकेट की सुपुत्री के साथ हुआ,जो एम.ए.(म्यूजिक) है। आपकी सुपुत्री श्रीमती प्रतिभा पाटनी (पत्नी श्री नरेशकुमार जी) बी.एस.सी. हैं । श्रीमती पदमा कुपारो भर्पफ्ली श्री प्रकाशचन्द्र टोप्या Rels
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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