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________________ मालवा प्रदेश का जैन समाज/571 मालखा का जैन समाज एवं यशस्वी समाजसेवी उज्जैन ____ मालवा प्रदेश प्रारंभ से जैन धर्म एवं संस्कृति का केन्द्र रहा है । उज्जैन मालवा प्रदेश की राजधानी रहा था। भगवान महावीर ने उज्जैन के अतिमुक्तक श्मशान में ध्यान लगाया था तथा 150 वर्ष ईसा पूर्व भद्रबाहु स्वामी दुर्भिक्ष काल में उत्तर भारत से उज्जैन होकर ही दक्षिण भारत गये थे। उज्जैन में पिछली एक शताब्दी में जैन समाज की संख्या घटती-बढ़ती रही है। श्री दिगम्बर जैन समाज के उपदेशक की रिपोर्ट के अनुसार सन् 1905 में यहाँ दिगम्बर जैन समाज के 60 घर थे तथा जनसंख्या 400 थी। फिर सन् 1908 में यहाँ 41 परिवार ही रह गये जिनकी जनसंख्या 151 थी तथा तीन दिगम्बर जैन मंदिर थे । जैन यात्रा दर्पण के अनुसार सन् 1911 में उज्जैन की 20 हजार जनसंख्या में जैन समाज की विभिन्न जातियो के मात्र 45 घर थे जिनकी जनसंख्या 156 ही रह गई थी लेकिन वर्तमान में उज्जैन जैन समाज की जनसंख्या में पर्याप्त वृद्धि हुई है। विभिन्न जातियों के सदस्यों की संख्या निम्न प्रकार रही : खण्डेलवाल जैन समाज 450 घर, अग्रवाल जैन परिवार 30 घर.परवार जैन समाज 150 घर, जैसवाल जैन 100 और हूंबड-70 घर खण्डेलवाल जैन जाति के गोत्रों में सेठी, कासलीवाल, बाकलीवाल,काला, पाटनी, बिलाला, पहाड़िया, बैनाड़ा, दोशी, चांदवाड़, अजमेरा, गदिया, रारा, साठ, वेद, पाटोदी, बड़जात्या, लुहाड़िया. छाबड़ा, पांड्या, टोग्या, रांवका, बोहरा, सोनी, झांझरी, सौगानी, विनायक्या, चौधरी, कटारिया, गोधा, बज, गंगवाल जैसे 32 गोत्रों के परिवार हैं। उज्जैन में गत पचास वर्षों से नमक मंडी में नये मंदिर का निर्माण हुआ है । दिगम्बर जैन पुरातत्व संग्रहालय की सन् 1948 में स्थापना हुई है तथा जिसमें 551 प्राचीन मूर्तियों का अभूतपूर्व संग्रह है। यहाँ कितनी ही जैन संस्थाएं हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ ऐलक पन्नालाल दिगम्बर जैन सरस्वती भवन है जिसमें हस्तलिखित एवं प्रकाशित ग्रंथों का अच्छा संग्रह है। यहां के जैन विद्वानों में डा, कैलाशचन्द जैन एवं पं. सत्यन्धर कुमार जी सेठी के नाम उल्लेखनीय है । डॉ. हरीन्द्र भूषण जैन यहाँ के वरिष्ठ विद्वान थे जिनका कुछ वर्षों पूर्व स्वर्गवास हो गया। यहाँ विनोदीराम लालचंद जी अच्छी फर्म थी । समाज भूषण रायबहादुर लालचन्द सेटी, पं. अनन्तराम जी आयुर्वेदाचार्य, हकीम फूलचन्द जी जैन, अच्छे समाजसेवी हो गये हैं। वर्तमान में श्रेष्ठी भूपेन्द्रकुमार जी सेठी, ललित कुमार जी जैन एवं फूलचन्द जी झांझरी का नाम समाज सेवियों में लिया जाता है। इन्दौर - इन्दौर नगर मालवा प्रदेश का वर्तमान में सबसे अधिक जनसंख्या वाला व्यापारिक केन्द्र है जो बम्बई का छोटा टुकड़ा कहलाता है । समस्त जैन समाज को गौरवान्वित करने वाले अनेक पद विभूषित श्रीमंत सर सेठ हुकमचंद जी इसी नगर के नागरिक थे । यहाँ की राजनैतिक चेतना को जाग्रत रखने वालों में स्व. श्री मिश्रीलाल ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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