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________________ बिहार प्रदेश का जैन समाज/503 आश्चर्यजनक है । वर्तमान में बिहार में निमनगई एवं गांवों में जैन परिवार रहते हैं। 1- धनबाद,झरिया,चाईबासा, जमशेदपुर 2. कतरासगढ, चारू बुकारो एवं जैनामोड 3- राजगृही,सम्मेदशिखर जी.समस्तीपुर, कटिहार, ठाकुरगंज,बारसोई हाट, बारसोई घाट,कानकी एवं पाकोड 4. पटना 5- गिरिडीह,पेटरवार,प्रधुवन, साढम, गोमिया,सरिया 6- चतरा, रामगढ़,झूमरीतिलैया,रांची रोड़,चोपारन,कानाचष्टी, इटखोरी,इचाक,सिंगरवा 7. बैजनाथ धाम (देवघाट),सुल्तानगंज, भागलपुर, मुंगेर,खगडिया, बारसलीगंज,नकारा 8. गया, आरा, 9. औरंगाबाद,हमपुरा,रफीगंज, अतरौली 10. डेहरी 11- रांची,खूटी,बुन्दु,तमाड,चाईबासा अभी इतिहास लेखन के सन्दर्भ में गया के श्री रामचन्द्र जी रारा के साथ बिहार प्रदेश का सर्वे किया तो डाल्टनगंज, गया, पटना, झूमरीतिलैया, हजारीबाग, रामगढ, रांची, सरिया, गिरडीह, औरंगाबाद, रफीगंज जैसे 11 नगरों में वहां के जैन समाज से सम्पर्क किया । वहां की जैन समाज के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा इतिहास लेखन में सहयोग प्राप्त किया। बिहार में सभी नगरों में प्रमुख रूप से खण्डेलवाल जैन समाज ही जैनों का प्रतिनिधित्व करता है यद्यपि पटना, भागलपुर आरा में अग्रवाल जैन समाज भी अच्छी संख्या में निवास करता है तथा वहां के सामाजिक दायित्वों में अपना हाथ बंटाता है। जैन समाज की शेष जातियों की संख्या तो नाममात्र की है और वे भी क्षेत्रों के सेवा में कार्य करने वाले अधिक हैं । सराक जाति जो पहिले शुद्ध जैन जाति थी और कालान्तर में परस्पर में सम्पर्क नहीं होने के कारण एवं आर्थिक दृष्टि से कमजोर रहने के कारण, वह जैन धर्म से दूर चली गई । यद्यपि सराक जाति वाले जैनधर्म के अनुसार ही अपना आचरण रखते हैं लेकिन वह एकदम उपेक्षित समाज बन गया इसलिये उनकी जनगणना धर्म के कालम में जैनों में नहीं आ सकी । क्योंकि स्वयं सराक जाति के भाई-बहिनों को जैनधर्म से जुड़े होने का भाव नहीं रहा। बिहार के कुछ प्रमुख नगरों का जिनमें स्वयं लेखक घूम सका है, परिचय निम्न प्रकार है :
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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