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________________ 476/ जैन समाज का वृहद इतिहास श्री कैलाशचन्द लुहाड़िया मुनि संघों की सेवा एवं व्यवस्था में तत्पर रहने वाले श्री कैलाशचन्द लुहाड़िया सर्राफी का व्यवसाय करते हैं तथा अपनी साधु भक्ति के लिये समाज में प्रसिद्ध है। आचार्य शिवसागर महाराज से लेकर अब तक जितने भी मुनि संघ अजमेर में आये लुहाड़िया जी को उगके लिये चौका, आहार आवास व्यवस्था करने में सबसे आगे पाया गया । आपके शुख खानपान का नियम है तथा प्रतिदिन पूजा अभिषेक करते हैं। आपके परिवार ने लूणचा अतिशय क्षेत्र पर तथा छोटे धड़े की नशियां अजमेर में एक-एक कमरे का निर्माण कराने का यशस्वी कार्य किया भादवा सुदी पंचमी संवत् 1984 को आपका जन्म हुआ । सामान्य शिक्षा प्राप्त की और सर्राफी का व्यवसाय करने लगे। 20 वर्ष की अवस्था में आपका साराबाई से विवाह हुआ जिनसे दो पुत्र एवं दो पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। दोनों पुत्र सोहनलाल एवं सुभाषचन्द मर्राफी का कार्य करते हैं । समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति है । 40 वर्ष तक छोटे धड़े की नशियों के प्रबन्धक रहे हैं। पता: हरकचन्द कैलाशचन्द सर्राफ नया बाजार, अजमेर श्री गंभीरमल सेठी नसीराबाद के वयोवृद्ध समाजसेवी श्री धीरमल जी सेठी अपनी उदारता, धार्मिक | पवृत्ति एवं सहृदयता के लिये सर्वत्र प्रसिद्ध हैं । आपका जन्म फाल्गुण बुदी 14 संवत 19457 को हुआ । आपके पिताजी श्री राजमल मेठी भी लोकप्रिय समाजसेवी थे जिनका सन 1937 में हो स्वर्गवास हो गया तथा माता जोरावर धाई का सन 1973 में निधन हुआ । सन् 1924 में बूंदी के नगर सेठ स्व.मदनमोहन कासलीवाल की बहिन सूर्यप्रभा देवी से आपका विवाह हुआ जिनका 14 अप्रैल 85 को स्वर्गवास हो गया । आपको एक मात्र पुत्री खुशवन्ती बाई का विवाह श्री तोलाराम जी गंगवाल लाडनूं के सुपुत्र श्री किशोरचंद जी गंगवाल के साथ संपन्न हुआ। आप लेनदेन,बैकिंग एवं फर्नीचर का कार्य करते हैं। आपके पिताजी के बड़े भाई श्री लखमीचन्द जी सेटी ने केकड़ी के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में योगदान दिया। केकड़ी के मंदिर निर्माण में योग दिया। नसीराबाद जैन धर्मशाला में एक बड़े हाल का निर्माण करवाया । नशियां जी में पन्द्रह सोलह हजार का साहित्य पेंट किया। आपकी दानशील प्रवृत्ति है । तीर्थों में एवं जैन संस्थाओं में आर्थिक सहयोग देते रहते हैं। स्वाध्याय में रुचि है तथा आतिथ्य प्रेमी हैं 1 आपकी माताजी को अपनी मृत्यु का तीन दिन पहिले ही आभास हो गया था । नसीराबाद में उनकी मृत्यु चर्चा का विषय बन गई थी। आपका स्वर्गवास ता. 12-8-89 को हुआ। अब आपकी सुपुत्री श्रीमती खुशवन्ती देवी के सुपुत्र चि. अनिल कुमार जी ने समस्त कार्य भार सम्भाल लिया है। पता:- गंपीरमल सेठी द्वारा हीरालाल राजमल एण्ड संस, IND-82 सदर बाजार,नसीराबाद ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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