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राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /463
श्री मांगीलाल जी लुहाड़िया
विजोलिया के श्री मांगीलाल जी लुहाड़िया वयोवृद्ध समाजसेवी हैं । आपका संवत् 1971 में जन्म हुआ तथा 17 वें वर्ष में श्रीपती देव बाई से विवाह हो गया । आपके पिताजी श्री राजमल 20 वर्ष पहले तथा माताजी श्रीमती नोजीबाई का अभी 8 वर्ष पूर्व ही निधन हुआ है । आपके किराणे का व्यवसाय है । आप तीन पुत्रों -भंवरलाल,लाभचंद एवं चांदमल के पिता हैं।
लुहाड़िया धार्मिक प्रकृति के हैं । तीर्थ यात्रा प्रेमी हैं। मुनिभक्त हैं । आहार देने में पूर्ण रुचि रखते हैं। बिजोलिया तीर्थ कमेटी के सदस्य हैं।
पता :- मांगीलाल भंवरलाल लुहाड़िया,बिजोलिया (भीलवाड़ा) राज, श्री माणकचंद गोधा
शाहपुरा (भीलवाड़ा) के निवासी श्री माणकचंद जी गोधा का सामाजिक क्षेत्र में विशेष स्थान है | आपका जन्म 2 नवम्बर 1933 को हुआ । आपके पिताजी श्री रतनलाल जी एवं
सागर जी महः माताजी श्रीमती बादाम बाई दोनों का ही आशीर्वाद मिल रहा है । इन्टरमीजियेट पास करने के न गर पश्चात् आपने मेडिकल लाइन में प्रवेश किया और उसमें अच्छी सफलता प्राप्त की। इनसे आपको तीन पुत्र दिनेशकुमार,भानुकुमार एवं दिलीपकुमार एवं एक पुत्री प्रेमबाई के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री दिनेशकुमार एम.कॉम. हैं । विवाहित हैं । धर्मपत्नी का नाम कल्पना है।
आपने 30 वर्ष पूर्व शाहपुरा के नये मंदिर में वेदी निर्माण करवाकर उसकी प्रतिष्ठा करवाई । मुनिभक्त हैं। मुनि संघों में जाकर उनकी सेवा सश्रषा करते रहते हैं। चंबलेश्वरपार्श्वनाथ की कार्यकारिणी के सदस्य हैं। वहां आपने कमरा बनवाया। मांगीतुंगी क्षेत्र के विकास में पांच हजार का आर्थिक सहयोग दिया। विजयसागर जी महाराज के चातुर्मास के समय इन्द्रध्वज विधान करवाया। गांव में एक औषधालय एवं एक प्याऊ का स्वयं की ओर से निर्माण करवाया। आयुर्वेदिक औषधालय में एक कमरे का निर्माण करने का यशस्वी कार्य किया । पता : 1. दिनेश मेडिकल स्टोर्स, भोलबाड़ा रोड,शाहपुरा (भीलवाड़ा)
2. नवभारत मेडिकल स्टोर, सदर बाजार,शाहपुरा । श्री मूलचंद सोनी
बिजोलिया निवासी श्री मूलचंद सोनी वयोवृद्ध समाजसेवी हैं । दि.जैन अतिशय क्षेत्र : बिजोलिया के स्थानीय कार्याध्यक्ष हैं तथा भादि.जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी बम्बई की महासमिति के : सदस्य हैं।
आपका जन्म संवत् 1976 के आषाढ़ मास में हुआ। 13 वर्ष की आयु में आपका श्रीमती मानबाई के साथ विवाह हुआ। आपको चार पुत्र सर्व श्री कस्तूरचंद रतनलाल,लाभचंद, निर्मलकुमार एवं दो पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आप कट्टर मुनिभक्त हैं।