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________________ 440/ जैन समाज का बृहद इतिहास .... चैत्यालय के लिये वहीं कुआ बना हुआ है । आपके शुद्ध खान-पान का नियम है । 20 वर्ष तक अजमेरी मंदिर के व्यवस्थापक रहे । 1. श्री चिरंजीलाल जी आपके ज्येष्ठ पुत्र थे जिनका 16 वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो गया था । आप अपने पीछे चार पुत्र छोड़ गये हैं जिनमें देवेन्द्र कुमार कुचामन में व्यवसायरत हैं शेष तीन पुत्र भागचंद,जम्बूकुमार एवं शंभु कुमार बुहरानपुर में रहते हैं । 2-श्री मदनलाल जी पहाड़िया दूसरे पुत्र हैं। जिनका जन्म मंगसिर जुदी 8 सं.1982 को हुआ । संवत 2000 में विवाह हुआ । पत्नी का नाम नेमिदेवी है । जो महावीर प्रसाद जी भवरदेवी पहाड़िया अहमदाबाद की बहिन है। दो पुत्र एवं तीन पुत्रियों से सुशोभित हैं। दोनों पुत्र जयकुमार एवं मुकेशकुमार कुचामन में हो वस्त्र व्यवसाय करते हैं। तीनों पुत्रियों मंजू रंजू एवं बीना का विवाह हो चुका है । श्री मदनलाल जी अजमेरी मंदिर के 31 वर्ष से मंत्री हैं। दि.जैन विद्यालय के सेक्रेटरी हैं। कुचामन कपड़ा कमेटी के 31 वर्ष से अध्यक्ष हैं । पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में भोजन व्यवस्था के संयोजक रहे थे। 3- श्री सरसासनी- प. पु. एवं पुत्रियों से सुशोभित हैं । इनमें से श्री निर्मलकुमार एवं सुमतिकुमार बुहरानपुर में शांति कुमार (उप नेहरू) एवं राजकुमार कुचामन में तथा अजित कुमार सी.ए. है एवं बबई में कार्य करते हैं । 4. श्री महावीर प्रसाद - बी.ए. एवं कास्ट अकाउन्टेन्ट हैं । मुहरानपुर में रहते हैं तथा पावरलूम फैक्टरी चलाते हैं । पता: कुचामन सिटी (नागौर) श्री लालचंद पांड्या कुचामन सिटी में एक मात्र प्रिंटिंग प्रेस के संचालक श्री लालचंद पांड्या का जन्म संवत् 1905 फाल्गुण सुदी 10 को हुआ। आपके पिताजी श्री चंदनमल जी ने पहिने क्षुल्लक दीक्षा आचार्य विमलमागर जी महाराज से धारण की और फिर अंतिम समय मुनि अवस्था धारण करके उदय सागर जी कहलाये। इसी तरह आपकी माताजी श्रीमती फूलीदेवी पांड्या ने आर्यिका दोक्षा धारण की और धर्मसागर जी महाराज के संघ में रहे थे । आप दोनों की स्मृति में लाडनूं के बाहर के मंदिर में चरण चिन्ह स्थापित हैं। श्री लालचंद जी पांड्या का संवत् 2012 में श्रीमती शिमला देवी से विवाह हुआ । जिनसे आपको एक पुत्र प्रमोद एवं छह पुत्रियों किरण,अनिता सुनिता संगीता,सरिता एवं कनकलता की प्राप्ति हुई । लाडनूं पंचकल्याणक प्रतिष्ठा समारोह में आप प्रमुख कार्यकर्ता रहे । नागौरी मंदिर में आपने भगवान चन्द्रप्रभु को मूर्ति विराजमान को। पता : श्री पांड्या, पदय प्रिटिंग प्रेम,कपड़ा मार्केट कुचामन सिटी . श्री विमलचंद छाबड़ा राणोली के श्री विमलचंद छाबड़ा युवा समाजसेवी हैं। आपका जन्म श्रावण बुदी 4 मंगलवार सं. 2002 को हुआ। आपके पिताजी श्री भंवरलाल जी छाबड़ा का 62 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया। आपकी माताजी श्रीमती गुलाबदेवी जी को आयु 76 वर्ष की होगी।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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