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________________ राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /433 आपके पूर्वजों ने बाडलवास में चैत्यालय बनाकर मूर्ति स्थापित की तथा महावीर स्वामी की प्रतिमा मूंडवाड़ा के मंदिर में विराजमान की। आप कट्टर मुनिभक्त हैं। धुनि श्री विवेकसागर जी एवं विजयसागर जी के आप परमभक्त थे | आपने सभी तीर्थों की वंदना कर ली है। कुंकुलवाडा में मुनि श्री विवेकसागर जी महाराज की छत्री निर्माण में आपका पूर्ण सहयोग मिला था। पता:- अभिनंदन भवन, कुचामन सिटी (नागौर) श्री भंवरलाल सेठी सीकर नगर के समाजसेवियों में श्री भंवरलाल सेठी का विशिष्ट स्थान है। आप सामाजिक, साहित्यिक और राजनैतिक सभी गतिविधियों में समर्पित भावना से कार्य करते हैं। सेठी जी का जन्म सन् 1928 में हुआ। सन् 1943 में आपने मैट्रिक पास की और सन् 1944 में आपका विवाह श्रीमती पत्रादेवी के साथ हो गया जिनसे आपको दो पुत्र एवं एक पुत्री के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। ज्येष्ठ पुत्र भरतेश का विवाह श्रीमती ऊषा के साथ हो चुका है जो एक पुत्री की मां बन चुकी है। सेठी जी के पिता श्री छोगालाल जी का सन् 1947 में तथा माता पीजीबाई का सन् 1979 में स्वर्गवास हो चुका है। सेठीजी का पूर्ण गतिशील जीवन है। आप ति जैन हायर मैकण्डरी स्कूल के !' वर्ष तक सेक्रेटरी रह चुके हैं। लाइन्स क्लब सीकर के चार्टर्ड सैक्रेटरी एवं संस्थापक सदस्य महावीर इन्टरनेशनल के उपाध्यक्ष खण्डेला विकास समिति के मंत्री, सीकर जिला मुद्रक संघ के सेक्रेट्री, जैन वीर मेवा संघ के संस्थापक सदस्य, जैसी कितनी ही संस्थाओं से जुड़े हुये हैं । सामाजिक रूढियों के उन्मूलन की ओर लगे रहते हैं। पुरातत्व प्रेमी हैं। सीकर पंचकल्याणक में प्रमुख कार्यकर्ता थे । पता:- लोक-मंगल प्रेस, सीकर श्री भंवरलाल पहाड़िया श्री पहाड़िया जी स्वाध्याय प्रेमी एवं प्रतिदिन पूजा पाठ करने वाले व्यक्ति हैं। नागोरी गोठ के मन्दिर ट्रस्ट के पहिले कोषाध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष हैं। आपका जन्म श्रावण कृष्ण 10 संवत् 19800 को हुआ । आपकी माता का स्वर्गवास तो जब आठ वर्ष के थे तभी हो गया और पिताजी का स्वर्गवास अभी 1.3 वर्ष पूर्व हुआ है। संवत् 1999 में आपका विवाह श्रीमती अनोपदेवी के साथ संपन्न हुआ। आपके 4 पुत्र एवं 3 पुत्रियां हैं। तीन पुत्र धर्मचन्द, कैलाचन्द एवं अजितकुमार हैं जो तिनसुकिया, अनोपदेवी पहाडिया किशनगढ़ एवं कुचामन में व्यवसायरत हैं। तीन पुत्रियों में संतोष एवं राजकुमारी का विवाह हो चुका है। कुमारी अनिता अभी अविवाहित है।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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