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________________ 348/ जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री प्रेमचन्द अजमेरा बस्सी (जयपुर) निवासी श्री प्रेमचन्द जी अजमेरा कस्बे के प्रतिष्ठित समाजसेवी है। बस्सी माम पंचायत के सरपंच रह चुके हैं तथा । वर्ष तक नाई मैम्बर रहे हुये हैं। वहां की भी जैन समाज के भी मत्री रह चुके हैं तथा वर्तमान पंचायत के सदस्य हैं । दौसामंडल की जैन समिति के कार्यकारिणी सदस्य हैं। अजमेरा जी धार्मिक कार्यों में विश्वास रखते हैं। प्रतिदिन पूजा अभिषेक करने का नियम है । बस्सी गांव में सन् 1983 में सिद्धचक्र मंडल विधान का आयोजन करवाया था। अजमेरा जी का जन्म कार्तिक बुदी 13 संवत् 1983 को हुआ। आपके माता-पिता दोनों का ही स्वर्गवास हो चुका है। प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आप व्यवसाय में लग गये । संवत् 2001 में वैशाख सुदी 13 को आपका श्रीमती अनोखीदेवी से विवाह हुआ। अजमेरा जी के बड़े भाई श्री मोतीलाल जी है। छोटे भाई कपूरचंद जी मास्टर हैं । श्री फूलचन्द,चिरंजीलाल,लालचर आपके भतीजे हैं । वह कोटखायदा रहते हैं । इनकी ससुराल सिकन्द्रा में बालचंद विनोदीलाल के है। उस परिवार में 55 सदस्य हैं जिनका कारोबार खाना वगैरह सब एक जगह है, बड़े बालचंदजी हैं जो कस्बे में प्रतिष्ठित समाज सेवी है । प्रतिदिन पूज अभिषेक करने का नियम है। पता : ग्राम बस्सी,तहसील • बस्सी,जिला- जयपुर श्री प्रकाशचन्द जैन पांड्या युवा समाजसेवी श्री प्रकाशचंद जी पांड्या ने अपने मधुर व्यवहार एवं उदार स्वभाव के कारण जो लोकप्रियता प्राप्त की है वह निसंदेह प्रशंसनीय है । नेतालादाले गांव में दि.1.7-47 को जन्में श्री पांड्या जी बी.ए. पास करके खनिज एवं खनन उद्योग में चले गये तथा अपनी सच्चाई एवं ईमानदारी से सफलताओं की सीढ़ी पर चढते चले गये और आज उनका खनिज उद्योग में अच्छा नाम है। आपका विवाह श्रीमती शकुन्तला देवी के साथ संपन्न हुआ जिनसे आपको दो पुत्र एवं पांच पत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य मिला है। आपके परिवार द्वारा अपने ग्राम नेताला में एक चैत्यालय का निर्माण करवाकर करीब 12-13 वर्ष पूर्व मूर्ति की स्थापना करने का प्रशंसनीय कार्य संपन्न हुआ। आपके पिताजी श्री विरधीचन्द जी की समाज में अच्छी ख्याति है। आपकी माताजी श्रीमती चांददेवी धार्मिक स्वभाव की पहिला थी जिनकी प्रेरणा और सामाजिक भावना ने विकास में एक सम्बल का काम किया जिनकी याद में दौसा मुख्य रेल लाइन के पास चांद धर्म कांटा व प्याऊ संचालित है। श्री पांड्या जी से समाज को बहुत आशायें हैं। पता :: पांड्या भवन, आगरा रोड़,दौसा।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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