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________________ 346/ जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री नेमीचंद बाकलीवाल दिगम्बर जैन मंदिर बस्सी (जयपुर) के अध्यक्ष श्री नेमीचन्द जी बाकलीवाल पुराने भजनों के ज्ञाता एवं गायक दोनों ही हैं। समारोहों में वे संगीत के साथ पूजा कराते हैं तथा चैा बन का सर पर पाई भी करते हैं . काका जन संपत् ।। में हुआ । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आपने व्यापारिक क्षेत्र में प्रवेश किया। सन् 1985 में आपका विवाह तोलाबाई के साथ हुआ । उनसे आपको पांच पुत्र सर्व श्री पदमचंद,महावीर कुमार, जयकुमार,कमलकुमार एवं निर्मलकुमार तथा एक पुत्री विमला बाई के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । सभी पुत्र अपना-अपना व्यवसाय करते हैं । श्री बाकलीवाल जी ने बस्सी के मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया,नई वेदी बनवाई तथा कांच का काम करवाया। तीर्थो पर जाते रहते हैं। अब तक 8 बार सम्मेद शिखर जी की वंदना कर चुके हैं। पत्ता : छीतरमल भूरामल मु.पो.बस्सी (जयपुर) श्री पदमचंद बडजात्या चौधरी श्री दि.बैन अ.क्षेत्र मोजमाबाद के प्रचार मंत्री श्री पदमचंद चौधरी युवा समाज सेवी हैं तथा अपनी निष्ठापूर्वक समाज सेवा से उन्होंने अच्छी प्रसिद्धि प्राप्त कर ली है। दि.2 जुलाई 1940 में जन्में सन् 1957 में आपने मैट्रिक पास किया और राज्य सेवा में चले गये । वर्तमान में आप तहसील अकाउन्टेन्ट के पद पर कार्य कर रहे हैं। आपका विवाह भी सन् 1957 में ही वसन्ती देवी के साथ संपन्न हुआ। आपको दो पुत्रों के पिता बनने का सौभाग्य मिल चुका है । आप की धार्मिक प्रवृत्ति सराहनीय है। प्रतिदिन पूजा अभिषेक करते हैं तथा मंदिर की देखभाल करते हैं । उत्साही कार्यकर्ता हैं । तीर्थ यात्रा प्रेमी है। पता : मु.पो. मोजमाबाद (जयपुर) श्री पांचूलाल पांड्या चौधरी बगरू जयपुर के निवासी श्री पांचूलाल जी पांड्या चौधरी कहलाते हैं तथा अपने क्षेत्र के प्रसिद्ध सामाजिक व्यक्ति हैं । आपका जन्म संवत् 1980 में हुआ। आपके पिताजी श्री म्होरीलाल जी का स्वर्गवास 60 वर्ष की आयु में ही संवत् 1993 में हो गया । उस समय भात्र 13 वर्ष के थे । माताजी श्रीमती सोनीदेवी जी संवत् 2014 में स्वर्ग सिधार गई । बाल्यकाल में ही रोजी रोटी की समस्या के कारण आप अष्टम कक्षा के आगे नहीं पढ़ सके | संवत् 1994 में आपका विवाह भंवरलाल जी चौधरी मोजमाबाद की पुत्री रतनदेवी के साथ हो गया । आपको चार पुत्रों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । ज्येष्ठ पुत्र श्री पदमचन्द 30 वर्ष के हैं। विवाहित हैं। पत्नी का नाम मीना कमारी है । 29 वर्षीय श्री नरेन्द्र कमार की पत्नी का नाम कुमार बी.कॉम.है । आशा देवी पत्नी का नाम है । ट्रांसपोर्ट जयपुर का कार्य देखते हैं । सबसे छोटे पुत्र पवनकुमार भी बी.कॉम. है विवाह हो चुका है तथा अंजू पत्नी का नाम है।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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