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जयपुर नगर का जैन समाज /327
श्री श्रेयांसकुमार गोधा
रायसाहिब घेवरचन्द जी गोधा के सुपौत्र श्री श्रेयान्सकुमार गोधा ने अपनी उदारता एवं दानशीलता के कारण जयपुर के सामाजिक क्षेत्र में अच्छा स्थान बना लिया है । गोधा जी का जन्म 12 जनवरी सन् 1935 में भरतपुर में हुआ। आपके पिताजी श्री शिखरचन्द जी भरतपुर में ही रहते हैं। बी.ए. पास करने के पश्चात् सर्वप्रथम केन्द्रीय सेवा में कार्य किया लेकिन वहां की से त्यागपत्र देकर जवाहरात उद्योग में प्रवेश किया और उसमें अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। सन् 1953 में आपका विवाह आगरा के नेमीचन्द जी बड़जात्या की पुत्री कुंतीदेवी के साथ
संपन्न हुआ। आपको दो पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
आपके दोनों पुत्र अभय कुमार एवं विनयकुमार की जवाहरात व्यवसाय में अच्छी पकड़ है । व्यापार के लिये दोनों को ही जब कभी विदेश यात्रा करनी पड़ती है। अभी तक आप बाजील, अमेरिका हांगकांग, जर्मनी, इंगलैण्ड आदि देशों की यात्रा कर चुके हैं । श्रेयांसकुमार जी गोथा की बहिन का विवाह दि. जैन महासमिति के अध्यक्ष रतनलाल जी
गंगवाल के साथ हुआ है । अभयकुमार का विवाह इन्दौर के श्री अभय कुमार पौधा
स्व.शांतिलाल जी पाटनी की सुपुत्री सुनीता के साथ हुआ
है तथा विनयकुमार का विवाह जयपुर के श्री रतनलाल जी श्री विनय कुमार गोधा काला की सुपुत्री चम्पाबाई के साथ हुआ है । श्रेयांसकुमार जी पुण्यशाली व्यक्ति हैं । पूजा पाठ करने में रुचि रखते हैं । बहुत ही शान्त प्रकृति के हैं।
पता - 16 लाल निवास.नारायण सिंह चौराहा,जयपुर।
श्री शिखरचन्द छाबड़ा
श्री छाबड़ा का जन्म 14 अक्टूबर 1938 को हुआ। एम.ए.बी.काम, परीक्षा पास करने के पश्चात् आप राज.विश्वविद्यालय सेवा में चले गये तथा वहां विभिन्न पदों पर कार्य करते हुये ! वर्तमान में सहायक रजिस्ट्रार के पद पर कार्य कर रहे हैं । विश्वविद्यालय प्रशासन में आपकी अच्छी ख्याति है तथा अपने मधुर व्यवहार से सभी को प्रसन्न रखते हैं। समाज सेवा में भी आपकी रुचि रहती है । टौंक रोड मधुवन स्थित श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर के कार्यकारिणी सदस्य एवं वहाँ के कोषाध्यक्ष भी है। दि.जैन संस्कृत कालेज के आजीवन सदस्य एवं ज्ञान विद्यालय समिति के सदस्य हैं। आपके प्रतिदिन पूजा प्रक्षाल का नियम है।
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