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________________ 318/ जैन समाज का वृहद् इतिहास पाटनी जी धार्मिक रुचि वाले श्रावक हैं। रामगंज पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं जयपुर के महावीर हायर सैकण्डरी विद्यालय में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में आप ईशान इन्द्र पद से अलंकृत हुये। दोनों पति-पत्नी के शुद्ध खान-पान का नियम है जिसे उन्होंने वीर सागर जी महाराज से लिया था। देश की सभी तीर्थ यात्रायें संपन्न कर ली हैं। आपके प्रतिदिन देवदर्शन एवं पूजा करके भोजन करने का नियम भी है। मुनिभक्त हैं। मुनियों के लिये चौका बनाते हैं। माता जी सिद्धमती जी आपकी धर्मपत्नी की मामीजी हैं । पता:- ए- 51, जनता कॉलोनी, जयपुर। श्री सागरमल सरावगी पांड्या (एयर आसाम, कलकत्ता वाले) लाडनूं (राज.) नगर में सन् 1934 में जन्मे श्री सागरमल जी सरावगी पांड्या अशोक नगर जैन समाज एवं गोपालबाड़ी जैन समाज के विशिष्ट समाजसेवी हैं। सन 1950 में मैट्रिक करने के पश्चात् आपका सन् 1951 में श्रीमती सुलोचना देवी के साथ विवाह हो गया। उसके पश्चात् आपने 1967 में जयपुर आकर मशीनरी उत्पादन एवं एजेन्सीज का कार्य प्रारम्भ किया जिसमें आपको पर्याप्त सफलता मिली। आपके तीन पुत्र सर्व श्री निर्मल कुमार, कमल कुमार एवं नवीन कुमार हैं जो सभी आपके साथ कार्यरत हैं। आपके दो पुत्रियों तारामणी एवं कल्पना है दोनों ही का विवाह हो चुका है। सरावगी साहब विशाल व्यक्तित्व के धनी हैं तथा सूझबूझ एवं कुशल व्यवहारी हैं. तथा समाज में अत्यधिक प्रतिष्ठा प्राप्त समाजसेवी हैं। धार्मिक लगन वाले हैं तथा सोनागिर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा समारोह में इन्द्र के पद को सुशोभित कर चुके हैं। हस्तिनापुर, निवाई जयपुर आदि नगरों में होने वाले पंचकल्याणकों में मूर्ति विराजमान कर चुके हैं। आपकी धर्मपत्नी मुनिभक्त एवं धार्मिक स्वभाव वाली है तथा मुनियों को आहार आदि से सेवा करती रहती हैं। एक बार आप कलकत्ता में रहते हुये दशलक्षण व्रत के उपवास कर चुकी हैं। श्रीमती सुलोचना देवी धर्मपी श्री सागर पल सरावगी जयपुर में अशोक मार्ग सी स्कीम में अहिंसा सर्किल का निर्माण एवं उस पर धर्मचक्र लगाने का श्रेय आपको ही हैं तथा आज यह अहिंसा सर्किल के नाम से प्रसिद्ध हो गया है तथा श्री दिगम्बर जैन मंदिर नशियाँ तेरापंथ गोपालवाड़ी का जीर्णोद्धार और सुधार भी आपके सहयोग और लगन से हुआ है। अभी भी इसी नशियां की व्यवस्था देखरेख आप ही करते हैं । दर्शनार्थी भी रोज काफी तादाद में दर्शनार्थ आने लगे हैं। सरावगी साहब समाज में विविध कार्यक्रमों का संचालन करते रहते हैं। समाज को आपसे बहुत आशायें हैं। पत्ता : प्रेम भवन, 38 गोपालबाड़ी, जयपुर ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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