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310/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
अपने व्यवहार एवं कार्यकुशलता से सबको प्रभावित किया है, प्रस्तुत इतिहास लेखन में भी आपका पूरा सहयोग मिला हैं । इस अवसर पर हम आपके दीर्घ जीवन की कामना करते हैं।
पता :- 6 मलसीसर हाउस, स्टेशन रोड, जयपुर
दूरभाष : 78246
श्री रूपचन्द सौगानी, एडवोकेट
सन् 1939 के जयपुर सत्यामह आन्दोलन के प्रथम डिक्टेटर श्री रूपचन्द सौगानी हैं। जयपुर नगर के लोकप्रिय समाज सेवी हैं। आपका जन्म 14-6-1907 को जयपुर में हुआ । आपके पिताजी श्री जौहरीलाल जी का 85 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया इसके पूर्व माताजी श्रीमती जमना बाई का स्वर्गवास भी हो चुका था।
आप राजस्थान उच्च न्यायालय के एडवोकेट हैं। हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, फारसी और अरबी का आपने खूब अध्ययन किया है। वकालत के कार्य में आपकी विशिष्ट तर्क शक्ति एवं सूझबूझ है और आपने खूब प्रसिद्धि प्राप्त की है। राजस्व मामलात में आपने बहुत अधिक ख्याति प्राप्त की है।
सन् 1931 में आपका विवाह श्रीमती विमला देवी के साथ हुआ। आपको दो पुत्र और पांच पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है । आपके बड़े पुत्र श्री शशीभूषण सौगानी, बी.ए. हैं, विवाहित हैं तथा दो पुत्रों के पिता हैं जिनमें दीपक सौगानी एडवोकेट हैं और छोटा दीपेश बी. कॉम. है- दूसरे पुत्र श्री हेमन्त सौगानी, एडवोकेट हैं और अच्छे वकीलों में उनकी गिनती है । उनकी धर्मपत्नी का नाम पुष्पा है और वह भी एम. ए., एल.एल.बी. हैं। उनके एक पुत्र है ।
आपका राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन दोनों ही शानदार रहे हैं। सन् 1940 में किशनगढ़ में आयोजित खंडेलवाल महासभा के अधिवेशन में आपने सक्रिय भाग लिया। दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी कमेटी के आप सन् 1940 से सफलता प्राप्त हुई है। ही क्रियाशील सदस्य रहे हैं। निजी सम्पत्ति के मामले में भी आप ही के कारण श्री महावीरजी क्षेत्र जयपुर नगर की अन्य सामाजिक संस्थाओं से भी आप जुड़े हुए हैं और अनेक प्रख्यात धार्मिक संस्थाओं के आप सलाहकार रहे हैं।
राजनीति में आपकी दिलचस्पी सन् 1932 से ही शुरू हो गई थी और सन 1939 के सत्याग्रह आन्दोलन में आप प्रथम जत्थे के डिक्टेटर थे और श्री हीरालाल शास्त्री आदि के साथ विशिष्ट व्यक्तियों में आपकी गिनती थी ।
आपको 6 माह की कारावास हुई - सन् 1948 में जयपुर कांग्रेस अधिवेशन में आप जुलूस समिति के संयोजक रहे । सन् 1945 से 50 तक जयपुर प्रतिनिधि सभा के सदस्य रहे सन् 1957 में हाई कोर्ट आन्दोलन में भी आपका सक्रिय भाग रहा और आप जेल गये । सन् 1967 से 76 तक जयपुर नगर परिषद् के निर्वाचित सदस्य रहे तथा सन् 1968 में स्वतंत्र पार्टी के भुवनेश्वर अधिवेशन में आपने भाग लेकर विशेष गणना रही है।
पता :- सौगारी भवन, मारुजी का चौक, जयपुर ।