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________________ 304) जैन समाज का वृहद् इतिहास डा. रमेशचन्द्र अजमेरा डा. रमेशचन्द्र अजमेरा श्री गोपीचन्द जी अजमेरा एडवोकेट के द्वितीय पुत्र हैं । आपका अन्म 30 सितम्बर सन् 194) को हुआ । एम.एस.सी.पास करने के पश्चात् सन् 1963 में आप अमेरिका चले गये । वहां जाकर एम.ई.पी.एच.डी.जैसी परीक्षायें अभूतपूर्व सफलता के साथ पास की तथा केलीफोर्निया में अमेरिका सरकार के रक्षा विभाग में बहुत ऊंची जगह काम करने लगे। इसके पूर्व वे नार्थ कारोलीना में प्रोफेसर फिजिक्स के पद पर कार्यरत थे । उसके पश्चात् ही उनकी डिफेंस में उच्च पद पर नियुक्ति हो गई। श्री अजमेरा जी का सन् 1461 में गया जी के श्री गजानन्द जी की सुपुत्री सुश्री रूपलता से विवाह हुआ। आपको एक पुन एवं एक पुत्री के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है । आपका पूरा परिवार शुद्ध शाकाहारी जीवनयापन करता है तथा आदर्श भारतीय के रूप में वहां जाने जाते हैं । अमेरिका में आप जैसे उच्च पद पर कार्य करने वाले बहुत कम भारतीय मिलेंगे। श्री रमेशचन्द गंगवाल राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष श्री रमेशचन्द गंगवाल सामाजिक क्षेत्र में अपना प्रमुख स्थान रखते हैं । व्यापारिक दृष्टि से आप राजस्थान साड़ी एवं कपड़ा व्यवसाय संघ के मंत्री हैं तथा राजस्थान व्यापार उद्योग मंडल की कार्यकारिणी सदस्य हैं। महावीर सेवा समिति के महामंत्री एवं न्यू मार्केट एसोसियेशन के अध्यक्ष हैं। किसी भी सेवा कार्य से पीछे नहीं हटने : वाले तथा स्वेच्छा से कार्य करने की प्रवृत्ति वाले गंगवाल साहब मधुर भाषी है । आपका जन्म 25 सितम्बर 1939 को श्री फूलचन्द जी गंगवाल के यहां हुआ जिनका देहान्त ९ जन को हआ था ! फूलचन्द जी आध्यात्मिक व्यक्ति थे तथा आपने कितने ही पदों की स्वयं ने रचना की थी । उन्होंने पूर्णतः धार्मिक जीवन व्यतीत किया और अन्त में श्री अरिहन्त सिद्ध का नाम लेते हुये चिर निद्रा में लीन हो गये । श्री गंगवाल ने राजस्थान विश्वविद्यालय से सन् 1961 में श्री कॉम किया और फिर साड़ी उद्योग में लग गये। 30 नवम्बर 14 को आपका विवाह श्रीमती इन्द्रा देवी से हुआ । आपको तीन पुत्रियों एवं एक पुत्र का पिता होने का गौरव प्राप्त है । पिनाई ग्राम के मंदिर निर्माण में आपके पूर्वजों का पूरा योगदान रहा था। पता : 2974 गंगवाल भवन.न्यू मार्केट, घी वालों का रास्ता जयपुर 66 AANTHE म. श्रीपती इन्द्रा देवी धर्मपत्नी श्री रमेशचन्द्र भगवान
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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