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________________ 268 / जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री प्रकाशचंद सेठी स्वतंत्रता सेनानियों के सिरमोर श्री अर्जुनलाल सेठी के नाम से सभी परिचित होंगे। श्री प्रकाशचंदजी सेठी को उन्हीं का ज्येष्ठ पुत्र होने का गौरव प्राप्त है। आपका जन्म 9 अप्रैल, 1926 को तब हुआ जब अर्जुनलाल जी सेठी स्वतंत्रता के लिये संघर्ष कर रहे थे। आप सन् 1946 में बी.एस.सी. करने के उपरान्त ही जयपुर राज्य में अध्यापक नियुक्त हुये एवं उप जिला शिक्षा अधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुये । सन् 1945 में आपका विवाह श्रीमती ललिता देवी के साथ संपन्न हुआ। आपको दो पुत्र एवं एक पुत्री के पिता बनने का सुखद अवसर मिला। ज्येष्ठ पुत्र आलोक हैं। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कोकिला है जो पीएच.डी. उपाधि से अलंकृत हैं। भगवान आदिनाथ पर आपने शोधकार्य किया है। डा. श्रीमती कोकिला अच्छी विदुषी हैं, लेखिका हैं तथा वोर बालिका महाविद्यालय में कार्यरत हैं। महिला जागृति संघ की संयुक्त मंत्री रह चुकी है। छोटे पुत्र अरुण सेठी एम.बी.बी.एस. डाक्टर हैं तथा कुष्ट रोग एवं मानसिक रोग के विशेषज्ञ हैं। डा. अरुण सेठी वर्तमान में उत्तरप्रदेश सरकार में उप मुख्य चिकित्साधिकारी हैं एवं आगरा में कार्यरत हैं। आपकी पुत्री आभा भी डाक्टर हैं तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं प्रकाशचंद जी सेठी के छोटे भाई डा. जगतप्रकाश सेठी हैं जो मेडिकल क्षेत्र में विशिष्ट स्थान प्राप्त हैं । आभासेठ सुपुत्री श्री प्रकाश चन्द्र सेठी डॅ कोकिला सेटी सेठी जी सफल अध्यापक एवं प्रशासक रहे हैं। स्पष्टवादिता आप में कूट-कूट कर भरी हुई है। मुनियों की सेवा करने में रुचि रखते हैं। सेटो कोलोनी के मंदिर निर्माण में आपने भी आर्थिक सहयोग दिया है। श्री प्रकाशचंद्र सेठी सेवा नियमों में पारंगत हैं एवं सेवा निवृत्ति के उपरान्त राज्य सेवकों को सेवा संबंधी प्रकरणों में यथा संभव सहायता करते रहते हैं। पता :- ए-50 सेठी कालोनी, जयपुर । श्री प्रकाशचन्द सौगानी यूनिवर्सल सप्लाई कारपोरेशन के मालिक श्री प्रकाशचन्द्र जी सौगानी का जन्म 27 दिसम्बर 1924 को हुआ। आपके पिताजी श्री गुलाबचंद जी सौगानी राथल स्टोर वाले कहलाते थे तथा स्वादिष्ट भोजन खाने एवं खिलाने के लिये प्रसिद्ध थे। जब वे 70 वर्ष के थे तभी उनका निधन हो गया। प्रकाशचंद जी उनके इकलौते पुत्र हैं जो पी.सी. सौगानी के नाम से अधिक जाने जाते हैं ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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