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________________ 266 / जैन समाज का बृहद् इतिहास श्री प्रकाश बख्शी जयपुर के प्रसिद्ध बख्शी परिवार में दि. 9-6-1947 को जन्मे श्री प्रकाश बख्शी युवा समाज सेवी हैं। साइन्स पेज्यूएट हैं। शांत एवं धार्मिक जीवन में विश्वास रखते हैं। अपने पिता श्री दीपचन्द जी बख्शी माता श्रीमती स्नेहलता बख्शी की तरह सभी सामाजिक संस्थाओं में आर्थिक सहयोग देते रहते हैं। आपका विवाह हेमलता के साथ 17 मई 1970 को संपत्र हुआ । हेमलता जी इंटरमीजियट हैं तथा एक पुत्र हिमांशु एवं पुत्री अर्पिता की जननी है। श्री बख्शी जी के कैमिकल्स का व्यवसाय है । पता - 305 बख्शी भवन, आंकड़ों का रास्ता, किशनपोल बाजार, जयपुर । श्री प्रकाशचन्द दीवान जयपुर राज्य के दीवानों में दीवान स्योजीराम जी एवं दीवान अमरचंद जी का नाम विशेषतः उल्लेखनीय है। दीवान श्योजीराम संवत् 1834 से 1867 तक जयपुर राज्य के दीवान रहे। इसके सामने ही इनके पुत्र अमरचंद जी दीवान नियुक्त हुये जो संवत् 1860 से 1892 तक दीवान रहे। इनके पुत्र ज्ञानचंद जी हुये जो ब्रिटिश सरकार के प्रकोप से इधर उधर ही रहते रहे। उनके पुत्र उदयलाल जी दो विषयों में एम.ए. थे तथा पोस्ट मास्टर जनरल के पद पर रहे। उनके पुत्र दीवान फतेहलाल जी भी पोस्ट मास्टर के पद पर रहे। उनके पश्चात् उनके पुत्र ईश्वरलाल जी हुये। ईश्वरलाल जी के दो पुत्र हुये। भंवरलाल जी एवं प्रकाशचंद 'जी। दीवान भंवरलाल जी का अभी कुछ वर्ष पूर्व ही स्वर्गवास हुआ है। वर्तमान में श्री प्रकाशचंद जी दीवान संस्थाओं, मंदिरों, धर्मशालाओं का कार्य देख रहे हैं। जयपुर में बड़ा दीवान जी का मंदिर, छोटे दीवान जी का मन्दिर, दीवान जी की धर्मशाला, नशियां आदि सभी आपके पूर्वजों द्वारा बनवाई हुई हैं जिनका रखरखाव, सुरक्षा आदि सभी कार्य आपको देखना पड़ रहा है। tara साहब के माता-पिता दोनों का ही स्वर्गवास हो चुका है। आपकी माताजी गुलाब बाई धर्मपरायण महिला थी । आपने तथा आपके दोनों पुत्रों भवरलाल जी प्रकाशचंद जी ने दीवान जी की नशियां का पूर्णतः जीर्णोद्धार कराया। सार्वजनिक ट्रस्ट बनाकर उसकी आय के स्रोत बनाये। आपकी माताजी ने नशिया में पान-स्तंभ बनवाकर उसकी प्रतिष्ठा करवाई । धर्मशाला एवं छोटे दीवान जी के मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। आपकी माताजी मुनियों के चातुर्मास करवाने में बहुत रुचि लेती थी । श्री प्रकाशचंद जी भी बहुत उत्साही युवक हैं। समाज सेवा में बहुत अभिरुचि है। अपने मंदिरों के जीर्णोद्धार में बहुत रुचि लेते हैं । आपकी पत्नी ने अभी महिला जागृति संघ द्वारा आयोजित नेत्र चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया था । पता दीवान जी की नशियां, एस.एम.एस. के सामने, जयपुर ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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