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264/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
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पुत्रियां - 6, नन्हीं बाई,लक्ष्मीबाई, हीराबाई,मुम्रीबाई,कमलाबाई, चित्रा बाई सभी का विवाह हो चुका है।
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थार्पिक :- जयपुर के सिरम्होरियों के मंदिर के तलघर का जीर्णोद्धार करवाकर वेदी निर्माण में सहयोगी बने । गोनेराजयपुर) के जैन मंदिर का जीर्णोद्धारकरवाकर वहाँ एक धर्मशाला
का निर्माण करवाया। :
सामाजिक :- श्री कासलीवाल जी पूरे सामाजिक व्यक्ति है । पद एवं अधिकारों से दूर श्रीमती निशी धर्मपत्नी
रहकर समाज की विविध गतिविधियों में आर्थिक सहयोग देते रहते हैं । वैसे आप कितने ही श्री राजेन्द्र कुमार जी कासलीवास
सामाजिक संगठनों के अध्यक्ष एवं संरक्षक रह चुके हैं । वर्तमान में दि.जैन अतिशय क्षेत्र पद्मपुरा
के संरक्षक हैं । अनेक संस्थाओं से जुड़े हुये हैं। विदेश यात्रा :- अपने व्यावसायिक कार्यों से विदेशों में जाते रहते हैं। अब तक चार बार विश्व भ्रमण कर चुके हैं। आपके पूर्वज आगरा के थे तथा आपके पिता श्री प्रभुलाल जी जयपुर आकर रहने लगे थे। पता : बी-6, सी पृथ्वीराज मार्ग,अशोक नगर, जयपुर ।
श्री प्रकाशचन्द जैन
श्री जैन मोजमाबाद के चौधरी परिवार के यशस्वी सदस्य हैं। आपके पिताश्री श्री घीसीलाल जी चौधरी तहसीलदार के नाम से प्रसिद्ध हैं। आपका जन्म मोजमाबाद जिला जयपुर में 1 मार्च, 1931 को हुआ। बी.कॉम. एल.एल.बी. करने के पश्चात् आपने राजकीय सेवा में प्रवेश किया । आप प्रबन्ध संचालक राज. भंडार व्यवस्था निगम,उपसचिव,जिलाधीश भरतपुर,नागोर, अलवर व उदयपुर कोलोनाईजेशन कमिश्नर इन्द्रागांधी नहर परियोजना, विशिष्ठ शासन सचिव,मंत्रीमंडल सामान्य प्रशासन विभाग व शिक्षा विभाग आदिमहत्वपूर्ण पर्दो पर कार्यरत रहे एवं संभागीय आयुक्त बीकानेर के पद से दि.31.3.89 को सेवानिवृत्त हुये। इसके पश्चात् दि. 13.4.89 से आप को पुनः नियुक्ति सदस्य राज राज्य सेवा अपील अधिकरण के सदस्य रूप में हुई जहां अभी भी कार्यरत हैं।
पता :- राजेन्द्र मार्ग,बापूनगर,जयपुर