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________________ जयपुर नगर का जैन समाज /257 श्री नाथूलाल जैन एडवोकेट कोटा (राजस्थान) में दिनांक 29-12-1919 को जन्मे श्री नाथूलाल जैन को राष्ट्रीय, साहित्यिक, सामाजिक सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है । आपके पिताश्री मूलचन्द जी कोटा के प्रतिष्ठित सज्जन थे। आपके एक भाई श्री पानाचन्द जैन राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति रह चुके हैं तथा सबसे छोटे भाई श्री टीकमचन्द जैन भी राजस्थान में उच्च पदाधिकारी रहे हैं। श्री जैन ने सन 42 में एलएलबी. किया तथा एडवोकेट बन कर वर्षों तक कोटा बार एसोसियेशन के अध्यक्ष रहे। सन 1952 में सर्वोच्च न्यायालय के एडवोकेट के रूप में आपने अपना नाम अंकित करा लिया । सन् 1962 में आप कोटा में पब्लिक प्रोसीक्यूटर बनाये गये और फिर विभिन्न जांच कमेटियों के सदस्य रहते हुये सन् 82 में राजस्थान के एडवोकेट जनरल नियुक्त किये गये । इसी के मध्य में सन् 1967-68 तक भारत सरकार के भाषा कमीशन के सदस्य रहे । सन् 1970-72 तक कोटा विकास न्यास के चेयरमेन, सन् 1974-79 तक राजस्थान पब्लिक कमीशन के सदस्य बनाये गये । श्री जैन पत्रकार भी रहे तथा किसान संदेश लोक सेवक,दीन बंधु एवं जयहिन्द के सम्पादक रहे । सन् 1969 से 74 तक उच्चतम न्यायालय निर्णय पत्रिका के सदस्य रहे । श्री जैन अत्यधिक व्यस्त होते हुये भी बीस से भी अधिक संस्थाओं से जुड़े रहे जिनमें हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहबाद, राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर, राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर के प्रमुख नाम हैं। श्री जैन अच्छे लेखक एवं वक्ता दोनों हैं। पता : 34, उणियारा गार्डन,जयपुर। श्री नानूलाल साह जयपुर के श्री नानूलाल जी साह सर्राफ एवं बैंकिंग का व्यवसाय करते हैं | 11 वर्ष की अवस्था में आपका विवाह श्रीमती कपूरीदेवी के साथ कर दिया गया। जिनका 1976 में स्वर्गवास हो चुका है। श्री नानूलाल जी ने मोहनबाडी मंदिर में वेदी बनवाकर उसमें बाहुबली एवं पार्श्वनाथ की मूर्ति विराजमान की है। इसी तरह बैदों को चैत्यालय में जो मनीराम जी की कोठी के रास्ते में स्थित है पार्श्वनाथ भगवान की मूर्ति विराजमान की थी । बधीचन्द जी के मंदिर को अपने पिताजी की स्मृति में एक दुकान भेंट की थी । बधीचन्द जी मंदिर के वर्तमान में अध्यक्ष हैं तथा मोहनबाडी मंदिर समिति के 4 वर्ष तक आप अध्यक्ष रहे थे । आपने नानूलाल कपूरदेवी चेरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की है। इसी ट्रस्ट के अन्तर्गत मोहनबाडी में होमियोपैथी दवाखाना चलता है। आपका जन्म आषाढ़ सुदी 9 संवत् 1968 को हुआ । सामान्य शिक्षा प्राप्त की तथा अपना पैतृक व्यवसाय प्रारंभ कर दिया। आप सीधे सादे श्रेष्ठी हैं। पता : मोहन बाडी, गलता गेट,जयपुर।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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